टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कल यानि कि 22 सितंबर से होने वाली है. शारदीय नवरात्रि का पर्व हर साल आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है. इस दौरान नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. ऐसे में इस वर्ष नवरात्रि 10 दिनों तक चलेगी क्योंकि चतुर्थी तिथि दो दिन रहेगी. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर प्रकट होंगी, जिसे सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. 

घटस्थापना (कलश स्थापना) मुहूर्त :    
नवरात्रि के पहले दिन, घटस्थापना या कलश स्थापना करना अत्यंत शुभ माना जाता है. 
मुख्य मुहूर्त: सुबह 6:10 बजे – 8:06 बजे (लगभग 1 घंटा 56 मिनट)
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:50 बजे – 12:39 बजे

घटस्थापना क्या है:
घटस्थापना या कलश स्थापना में एक पवित्र कलश या मटका स्थापित किया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा की ऊर्जा (शक्ति) आमंत्रित की जाती है. यह कलश देवी और ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है.

कलश स्थापना में इन चीजों की पड़ेगी जरूरत :
कलश (साफ मिट्टी का, तांबे या प्लास्टिक का)
जल (पवित्र पानी)
तिल, सिक्के, सुपारी
आम के पत्ते और नारियल
लाल कपड़ा या शुभ वस्त्र
पूजा चाटी, दीपक, पान, मिश्री, अक्षत (चावल)

कलश स्थापना की विधि :
पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल या पवित्र जल से छिड़काव करें. 
चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं. 
कलश को रखें और उसमें जल, सुपारी और सिक्के डालें. 
कलश के मुंह पर आम के पत्ते सजाएं. 
नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर रखें. 
देवी दुर्गा या उनके स्वरूप की आराधना करें.

नवरात्रि के दौरान भूलकर भी ना करें यह चीजें :
खण्डित कलश का प्रयोग न करें
कलश को खाली न छोड़ें
तामसिक वस्तुएं हटाएं
पूजन स्थल को साफ रखें