टीएनपी डेस्क (TNP DESK): रविवार, 28 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का छठा दिन मनाया जा रहा है. हिंदू परंपरा के अनुसार यह दिन मां कात्यायनी को समर्पित होता है. इस दिन भक्त माता कात्यायनी की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं. माना जाता है कि मां कात्यायनी की विशेष पूजा करने से विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं. नवरात्रि के इस दिन माता को उनका प्रिय भोग अर्पित किया जाता है और भक्त विशेष मंत्रों का जाप कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

मां दुर्गा का छठा स्वरूप मां कात्यायनी के रूप में पूजित होता है. धार्मिक मान्यता है कि माता का जन्म ऋषि कात्यायन की कठोर तपस्या के परिणामस्वरूप हुआ था, इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा. यह स्वरूप साहस, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. मां कात्यायनी की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं, जिससे सुख और शांति का मार्ग प्रशस्त होता है.

देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां कात्यायनी की आराधना करने से तन तेजस्वी होता है और गृहस्थ जीवन सुखमय बनता है. भक्त को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थ सहज ही प्राप्त होते हैं. उनकी पूजा से रोग, भय, शोक और मानसिक संताप दूर हो जाते हैं और जीवन संतुलित तथा समृद्ध बनता है.

विवाह-संबंधी बाधाओं से मुक्ति : धार्मिक मान्यता है कि जिन कन्याओं या युवकों के विवाह में देरी हो रही हो या वैवाहिक जीवन में असंतोष हो, वे श्रद्धा और भक्ति से मां कात्यायनी की उपासना करें. देवी की कृपा से विवाह संबंधी सभी रुकावटें समाप्त होती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है.

पूजन मंत्र : या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानवघातिनि।।