टीएनपी डेस्क(TNP DESK): बिहार से एक बड़ा ही अजीबो गरीब वाक्य सामने आया है.जहाँ सरकारी वर्दी के रोब और दादागिरी से आम लोगों को धमकाने और डराने की सच्चाई का खुलासा हुआ है. जहा एक परिवार के बीच चल रहे ज़मीनी विवाद में दरोगा की कथित दादागीरी ने नए सवाल खड़े कर दिए है.बताया जा रहा है कि यह पूरा विवाद बिहार के एक गांव का था, लेकिन अचानक ये मामला झारखंड पहुँच गया. वह भी फर्जी तरीके से दर्ज कराए गए केस के ज़रिए.

पढ़ें क्या कहता है पीड़ित पक्ष

पीड़ित पक्ष के मुताबिक स्थानीय दरोगा ने एक पक्ष विशेष का साथ देते हुए दबाव में आकर झारखंड में केस दर्ज करवाया, जबकि विवादित जमीन बिहार क्षेत्र में आती है. इस मामले में प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र की स्पष्ट अनदेखी की गई है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें पहले धमकाया और जब उन्होंने विरोध जताया तो कानूनी कार्रवाई की आड़ में झारखंड में झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया.

पहले भी दरोगा कर चूका है ऐसी हरकत

वहीं ग्रामीणों ने इसे दरोगा की ‘दादा गिरी’ करार दिया है और अब न्याय की मांग को लेकर वे उच्च अधिकारियों तक गुहार लगा रहे है.वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में पुलिस की मनमानी के ऐसे मामले सामने आए है. लोग अब जिला प्रशासन से मांग कर रहे है कि इस घटना की जांच हो और दोषी दरोगा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

जांच के बाद ही होगा सच्चाई का खुलासा

फिलहाल, दोनों राज्यों की पुलिस के बीच इस सीमा विवाद से जुड़ी कार्रवाई कई सवाल खड़े कर रही है.क्या प्रशासनिक अधिकारी अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर काम कर रहे है, या फिर न्याय के नाम पर किसी निर्दोष परिवार के साथ अन्याय किया जा रहा है? अब देखना यह होगा कि जांच में हकीकत क्या निकलकर सामने आती है.