धनबाद (DHANBAD) : क्या धनबाद-बोकारो की अवैध हथियार  फैक्ट्री से निर्मित हथियारों की सप्लाई बंगाल में होती है ?अवैध हथियार बनाने वाले धनबाद-बोकारो को क्यों चुनते है ? क्या यहां उन्हें रॉ मैटेरियल्स और कारीगर आसानी से मिल जाते है ? क्या यहाँ से सप्लाई करने में सहूलियत होती है? ऐसे कई सवाल है, जो इस इलाके में लगातार मिल रही सफलता से उठ रहे है. इसके बाद तो बंगाल एसटीएफ और झारखंड एटीएस की नजर धनबाद -बोकारो पर टिक गई है.  एक्शन के बाद सफलता भी मिल रही है. महुदा में अवैध फैक्ट्री पकड़ाने के बाद बंगाल एसटीएफ और झारखंड एटीएस ने बोकारो में एक अवैध हथियार सप्लायर गिरोह को पकड़ने में सफलता पाई है. अवैध हथियार फैक्ट्री का भी खुलासा हुआ है. दरअसल, कोलकाता एसटीएफ तथा झारखंड एटीएस बंगाल में अवैध हथियारों की धर-पकड़  के बाद एक्शन में है.  

बंगाल एसटीएफ यह जानना चाह रही है कि आखिर हथियार बंगाल  पहुंच कैसे रहे हैं?

बंगाल एसटीएफ यह जानना चाह रही है कि आखिर हथियार बंगाल पहुंच कैसे रहे हैं? गिरफ्तार अपराधियों से मिली जानकारी के बाद धनबाद-बोकारो में छापामारी हो रही है. सूचना सटीक होने की वजह से सफलता भी मिल रही है. 15 दिन पहले इसी टीम ने धनबाद के महुदा में छापामारी कर अवैध आर्म्स बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए गए थे. सूत्र बताते हैं कि इस छापेमारी में मिली सफलता के बाद जब टीम ने अपराधियों के नेटवर्क को खंगालना  शुरू किया तो बोकारो के जरीडीह  बाजार में अवैध हथियार फैक्ट्री का पता चला. हालांकि यह फैक्ट्री पूरी तरह से रिहायशी इलाके में थी. इस वजह से पहले तो टीम को भरोसा नहीं हुआ, लेकिन दो-तीन दिनों से बेरमो के अवैध हथियार फैक्ट्री की जानकारी जुटाई गई.  

सटीक जानकारी मिलने के बाद की गई छापेमारी 

सटीक जानकारी मिलने के बाद गुरुवार की शाम  तीन वाहनों पर एसटीएफ और एटीएस की टीम पहुंची और उसके बाद बिल्डिंग की घेराबंदी कर ली गई. फिर तो बोकारो के जरीडीह से 12 निर्मित पिस्टल, कई अर्द्ध  निर्मित पिस्टल, अवैध हथियार बनाने की सामग्री, लेथ मशीन बरामद की गई. बात इतनी ही नहीं हुई, उस परिसर से अवैध अंग्रेजी शराब भी बरामद की गई.  यह शराब 50 कार्टून में भरकर राखी गई थी.  इस जगह से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है.  दरअसल, टीम को छापामारी करने में वक्त इसलिए लगा कि जिस जगह पर अवैध फैक्ट्री पकड़ी गई है , वह भीड़भाड़ वाला इलाका है.  रिहायशी इलाका है. टीम को इस जगह पर अवैध फैक्ट्री होने का कोई अंदेशा नहीं था. चारों तरफ घर हैं, बावजूद अवैध गन  फैक्ट्री का संचालन हो रहा था. महुदा  में भी जब बंगाल एटीएस और झारखंड एटीएस ने छापेमारी की तो फैक्ट्री एक सुनसान जगह पर चलाई जा रही थी.  

महुदा में मुंगेर से कारीगर बुलाकर बनवाये जा रहे थे हथियार 

मुंगेर से कारीगर बुलाए गए थे. इस हथियार की सप्लाई दूसरी जगह पर भी की जा रही थी. बंगाल एसटीएफ से लीड मिलने के बाद झारखंड एटीएस इसमें शामिल हुई और बड़ी सफलता हाथ लगी. महुदा  में छापामारी  की गई तो एक झोपड़ी में  हथियार बनाने का काम चल रहा था. यहां से भारी मात्रा में निर्मित और अर्द्ध  निर्मित हथियार बरामद किए गए थे. पांच लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. यह कार्रवाई कई घंटे तक चली थी. बंगाल पुलिस को सूचना मिली थी कि महुदा बस्ती में मिनी गन फैक्ट्री का संचालन हो रहा है. मुंगेर के कारीगरों के सहयोग से हथियार बनाकर सप्लाई किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल पुलिस की गिरफ्त में आए कुछ अपराधियों ने बताया था कि महुदा क्षेत्र में हथियारों का निर्माण हो रहा है. सूचना के आधार पर बंगाल एसटीएफ एवं झारखंड एटीएस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की. बरामद सामान को देखकर पुलिस की टीम भी हक्का-बक्का रह गई थी.
 
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो