दुमका(DUMKA) : कुछ वर्ष पूर्व स्थानीय लोगों के विरोध के बाबजूद दुमका रेलवे स्टेशन परिसर में कोयला डंपिंग यार्ड की शुरुआत कर दी गई. कोयला पाकुड़ से सड़क मार्ग से दुमका रेलवे स्टेशन परिसर में डंप किया जाता है, जहां से गुड्स ट्रेन द्वारा अन्य जगह भेजा जाता है. कोयला डंपिंग यार्ड चालू होने पर स्टेशन और आस पास बसे मोहल्ला के लोग प्रदूषण से परेशान होने लगे. कोयला का कण लोगों के घरों तक पहुंचने लगा. लोग बीमार पड़ने लगे.
हर जगह किया फरियाद, थक कर लिया चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय
रसिकपुर सहित आसपास के लोगों ने स्टेशन परिसर से कोयला डंपिंग यार्ड हटाने को लेकर रेलवे के वरीय अधिकारी, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि तक आवेदन दिया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. प्रदूषण से परेशान लोगों ने कई महीने पूर्व बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन के तहत प्रत्येक रविवार को स्टेशन परिसर के बाहर धरना देने का निर्णय लिया. निर्णय के अनुरूप आंदोलनकारी प्रत्येक रविवार को स्टेशन परिसर के बाहर अपनी मांग के समर्थन में धरना पर बैठने लगे.
पिछले रविवार को भी RPF ने लोगों को धरना देने से रोकने का किया था असफल प्रयास
सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा था, लेकिन पिछले रविवार को RPF ने स्टेशन परिसर के बाहर आंदोलनकारियों को धरना देने से रोकने का असफल प्रयास किया था. आज भी आंदोलनकारी जब धरना देने पहुंचे तो RPF ने रोकने का प्रयास किया. इसको लेकर आंदोलनकारी और RPF के बीच घंटों तीखी बहस होती रही.
..तब जमीन पर बैठकर सुनने लगे पीएम के मन की बात कार्यक्रम
रविशंकर मंडल के नेतृत्व में मुन्नी हांसदा, भाजपा नेता सह सीनेट सदस्य विमल मरांडी, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अमिता रक्षित सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग धरना स्थल पर पहुंच गए. इस दौरान भाजपा नेता सह सीनेट सदस्य विमल मरांडी जमीन पर बैठ कर प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम सुनने लगे. उन्होंने कहा कि गोली चले या लाठी चार्ज हो, हम धरना यहीं देंगे.
रिपोर्ट-पंचम झा
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