धनबाद(DHANBAD) : बिहार अब पूरी तरह से चुनावी रंग में दिखने लगा है. रविवार को वैश्य महासम्मेलन में तेजस्वी यादव ने बनिया का मतलब समझया तो राजगीर के भीम समागम संकल्प सभा में चिराग पासवान ने विपक्षी दलों को निशाने पर लिया. पटना के बापू सभागार में वैश्य महासम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बनिया का मतलब होता है "बनिए"- कुछ बिगाड़िए नहीं. आप लोगों ने व्यापार को बनाया, समाज को बनाया, समृद्धि लाई, अब बिहार को बनाने की बारी है. आप लोग मिलकर बिहार को बनाने में अपनी भूमिका निभाई है. यही इस सम्मेलन का मकसद होना चाहिए. तेजस्वी यादव ने प्रश्न किया कि मेरे घर के सामने कई राउंड फायरिंग हुई, लेकिन अपराधी आज तक पकड़े नहीं गए.
लेकिन बिहार के लोगों को "जंगल राज" के नाम पर डराया जा रहा है. आज बिहार कराह रहा है, कोई देखने वाला नहीं है. नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि पलायन, बेरोजगारी और गरीबी में बिहार नंबर वन है. प्रदेश में एक चीनी मील तो इन लोगों ने चालू नहीं करा पाए. 2005 के बाद अपराध में काफी वृद्धि हुई है. जून तक 100 से अधिक बनिया समाज के लोगों की हत्या हुई. दुकान में घुसकर लोग गोली मार दे रहे है. लेकिन सरकार आप लोगों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल है. तेजस्वी यादव ने सवालिया लहजे में कहा कि मेरे घर के बाहर चार-चार गोलियां चली, लेकिन अभी तक अपराधी नहीं पकड़े गए. मैं नीतीश जी से पूछना चाहता हूं कि पहले ऐसा होता था क्या ?जब हमारी सरकार बनेगी तो आप सभी की रक्षा तेजस्वी करेगा.
आपको सताने वालों को तेजस्वी नहीं छोड़ेगा, बिहार में पहले घूसखोरों को थोड़ा लिहाज था, अब तो खुलकर घूसखोरी की जाती है. दूसरी ओर राजगीर में भीम समागम संकल्प सभा में चिराग पासवान ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी संविधान के नाम पर इंडिया गठबंधन के लोग भ्रम फैलाने की कोशिश की. लेकिन जनता उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया और मोदी जी को समर्थन दिया. एक बार फिर विधानसभा चुनाव के पहले यह बात फैलाई जा रही है कि एनडीए की सरकार बनी तो संविधान को बदल देंगे और आरक्षण समाप्त कर देंगे.
राहुल गांधी इन दिनों संविधान की लाल किताब लेकर चलते हैं और इसे लहराते है. उनकी दादी इंदिरा जी ने आपातकाल लगाकर संविधान की हत्या करने का प्रयास किया. इसके लिए वह देश से माफी कब मांगेंगे. चिराग पासवान ने इशारों-इशारों में कुछ बड़ी बातें भी कह दी. उन्होंने कहा कि 2020 में बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का नारा दिया तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हो गया. आज फिर चिराग पासवान बिहार लौटना चाहता है तो उनकी पीड़ा बढ़ गई है. हमारे खून का एक-एक कतरा बिहार के लिए है. जब तक चिराग पासवान जिंदा है, तब तक संविधान और आरक्षण को कोई खतरा नहीं है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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