TNPDESK- ‘यूपी बिहार और झारखंड के छात्रों का रुम नहीं, का यह बोर्ड रायपुर एनआईटी के पास किसी मकान मालिक के द्वारा लगाया गया है. जिसके बाद यह सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया है, इस बोर्ड को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के सवाल पूछ रहे हैं, अब उसी कड़ी में भोजपुरी गायक और अभिनेता खेसारी लाल यादव ने भी सवाल उठाये हैं, इस तस्वीर को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए खेसारी लाल यादव ने लिखा है कि काहे हो मजदूर हमारा, आईएएस हमारा और जब छात्रों की बात आये तो हमारे छात्रों को रुम नहीं.

 

तमिलनाडू से लेकर पंजाब तक बिहारी मजदूरों की मांग

यहां बता दें कि रायपुर एनआईटी में बड़ी संख्या में यूपी बिहार और झारखंड के छात्र अपनी पढ़ाई के लिए जाते हैं, हालांकि अब तक वहां बिहारी छात्रों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था, लेकिन अब अचानक से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. जिसके बाद सवालों की छड़ी लग गयी है. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि केरल से तमिलनाडू तक, पंजाब से दिल्ली तक सारे हिन्दुस्तान को बिहारी मजदूर चाहिए, बगैर बिहारी मजदूरों के बगैर इनकी फैक्टरियों पर ताला लटक जाता है, लेकिन जब बात बिहारी छात्रों की आती है तो उनके लिए दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं. क्योंकि सबों को सिर्फ बिहारी मजदूर चाहिए, उनके मेघावी छात्र नहीं, ये वही बिहारी छात्र हैं, जिनका डंका हर प्रतियोगी परीक्षाओं में बजता है, रेलवे से लेकर सेना तक जिनका जलबा चलता है, और यही कारण है कि बड़ी संख्या में बिहारी छात्र देश की सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी में सफलता का परचम लहरा कर अपनी मेघा का परिचय देते हैं.   

खेसारी लाल यादव ने यह ट्विट 10 अगस्त को दोपहर 2.55 में किया है, और देखते देखते यह वायरल हो गया. उनको टैग करते हुए सवालों की छड़ी लग गयी. हालांकि अब तक प्रशासन के द्वारा इस  मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी  है, हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब बिहार,यूपी और झारखंड के युवाओं को इस तरह के अपमानजनक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, आम रुप से बिहारी की छवि दूसरे प्रदेशों में मजदूर आपूर्ति करने वाले राज्य की बना दी गयी है, बावजूद इसके कि राष्ट्रवाद का डंका इन्ही हिंदी प्रदेशों में खूब बजाया जाता है.