रोहतास (ROHTAS) : एक ओर जहां सरकारी स्कूलों में  छात्रों को कई विषयों के शिक्षक ही नसीब नहीं होते, वहीं बिहार के रोहतास जिले में  एक ही विद्यालय में एक ही विषय के 14 शिक्षक सालों से पढ़ा रहे हैं. शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही  का यह मामला  नोखा में स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गढ़नोखा का है. यहां विभाग की एक बड़ी चूक के कारण 8 से 9 साल से यह पदस्थापना है और किसी ने इस पर ध्यान तक नहीं दिया है.  इस विद्यालय में भवन तो है, लंबा चौड़ा परिसर भी है और इसे मॉडर्न स्कूल भी बनाया गया है, ताकि शिक्षा के तमाम बेहतर उपाय किए जाए. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इस विद्यालय में समाजिक विज्ञान के 14 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है. वर्ष 2013-14 में नोखा नगर पंचायत द्वारा किए गए नियोजन में यह सब गड़बड़झाला किया गया. शिक्षा विभाग पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस ओर किसी का ध्यान क्यो नहीं गया.

प्रधानाध्यापक के पास भी उचित जवाब नहीं

विद्यालय के प्रधानाध्यापक कुमार रितेश ने बताया कि विद्यालय में हिंदी तथा उर्दू के शिक्षकों का अभाव है. वहीं सामाजिक विज्ञान के 14 शिक्षक यहां पदस्थापित है. जिसमें से 13 शिक्षक लगातार उपस्थित भी हैं और बच्चों को पठन-पाठन करवा रहे हैं. वहीं जब प्रधानाध्यापक से पूछा गया कि आखिर किन परिस्थितियों में यहां पर एक ही विद्यालय में इतने शिक्षकों की पदस्थापना है तो वह कुछ भी बताने से बचते नजर आए.

केवल 2 ही पद सृजित लेकिन पढ़ा रहें है 14

सामाजिक विज्ञान के लिए दो ही शिक्षकों का पद सृजित है. लेकिन वर्ष 2013 में 8 तथा 2014 में 6 समाजिक विज्ञान के शिक्षकों को इसी विद्यालय में भेज दिया गया. उसमें से फिलहाल एक शिक्षक बिना सूचना के कई महीनों से अनुपस्थित हैं. वही तीन अन्य शिक्षकों को विभाग ने विभिन्न सरकारी कार्यालय में डिप्टेशन पर भेजा है. विद्यालय में शिक्षकों की कुल स्ट्रेंथ 24 हैं और 366 छात्र फिलहाल यहां पठन-पाठन कर रहे हैं. इस प्रकार एक ही विद्यालय में एक ही विषय के इतने शिक्षक की पदस्थापना पर कोई भी सक्षम अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.