गोपालगंज (GOPALGANJ) : आइएसओ से सर्टिफाइड मॉडल सदर अस्पताल की व्यवस्था मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है. अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही की तस्वीरें सामने न आ सके, इसके लिए मीडिया को अस्पताल परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. इतना ही नहीं न्यूज कवरेज करने पर मीडियाकर्मी के साथ बदसलूकी भी की गयी.
ऐसी व्यवस्था है सदर अस्पताल की
सदर अस्पताल में कंधे पर मरीजों को अस्पताल लाया जाता है. इलाज की व्यवस्था तो दूर स्ट्रैचर भी मुहैया नहीं कराया जाता. यहां बुजुर्ग पिता को बेटा कंधे पर लेकर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से बाहर ले जाता है. वहीं चादर में शव को लेकर परिजन बाहर ला रहे हैं. इमरजेंसी वार्ड में मरीज को लगाये गये ऑक्सीजन का कंस्ट्रेटर तार बिजली बोर्ड में किस तरह से इंजेक्शन देनेवाली सीरिंज के सहारे लगाया गया है, यह भी वीडियो में देखा जा सकता है.
अस्पताल के उपाधीक्षक ने जारी किया तुगलकी फरमान
मॉडल सदर अस्पताल की इन तस्वीरों को मीडिया दिखा न सके, इसलिए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसके गुप्ता ने तुगलकी फरमान जारी कर पोस्टर चिपका दिया है. जिसमें मीडिया के प्रवेश पर अस्पताल में रोक लगा दी गयी है. इतना ही नहीं मीडिया कर्मी को न्यूज कवरेज करने पर सुरक्षाकर्मियों को कड़ी हिदायत दी गयी है कि कैमरे और मोबाइल को तोड़ देना है और अस्पताल से बाहर कर देना है. इन तस्वीरों को देखने के बाद इस वीडियो को जरा देखिए. किस तरह से अस्पताल का सिक्यूरिटी इंजार्च राजेश मीडियाकर्मी के साथ दुर्व्यवहार कर कैमरे और मोबाइल को तोड़ दे रहा है. वहीं सदर एसडीपीओ संजीव कुमार ने मामले की जांच की. एसडीपीओ ने कहा कि जांच कर तत्काल सीक्यूरिटी गार्ड पर कार्रवाई की जायेगी.
कमियों को छिपाने के लिए करते हैं गैरसंवैधानिक कार्य!
वहीं जिला परिषद के चेयरमैन सुबास सिंह ने इसे घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अस्पताल प्रशासन अपनी कमियों को छिपाने के लिए इस तरह के गैरसंवैधानिक कार्य को उठाया है. इसपर कार्रवाई होनी चाहिए. इधर, परेशान मरीज के परिजनों का कहना है कि सुबह से अस्पताल में तीन-तीन बॉडी रखी गयी है, लेकिन डॉक्टर पोस्टमार्टम करने नहीं आये हैं. शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
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