पटना (PATNA )देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं.कोरोना के नए मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है.इसी कड़ी में बिहार से बड़ी खबर आ रही है. राजधानी पटना में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं.पटना के निजी अस्पताल में स्वाइन फ्लू के संक्रमित मरीज इलाजरत है.वहीं सूत्रों के मुताबिक निजी अस्पताल के OPD वार्ड में भी कई स्वाइन फ्लू के संक्रमित इलाजरत हैं.बता दें कि H1 N 1वायरस से स्वास्थ महकमा भी अलर्ट हो गया है. इधर झारखंड में भी सतर्क रहने की जरूरत है.
कैसे होता है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू वायरस के कारण होता है.इस वायरस को H 1 N 1 वायरस भी कहते हैं.यह वायरस पहले सुकर के स्वास नली को संक्रमित करता है.बाद में यह वायरस किसी भी इंसान के स्वास नाली में दस्तक देता है.इसका मुख्य लक्षण है.नाक बहना,भूख में कमी,खांसी और शरीर में बेचैनी रहती है.यह H 1 N 1 वायरस इतना संक्रामक होता है. 6 फ़ीट के दूरी में मनुष्य को संक्रमित करता है.यह वायरस इतना संक्रामक होता है की सही समय पर इलाज नहीं होने से संक्रमित की जान भी जा सकती है.स्वाइन फ्लू के कुछ मामलों में संक्रमित व्यक्ति के द्वारा छुए गए सामग्री को स्वास्थ व्यक्ति अगर छूता है तो उसे भी संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है.
कैसे बच सकते हैं इस बीमारी से
इस संक्रमण से बचाव के लिए बार बार हाथों का धोना और चेहरे को बार बार हाथ लगाने से भी जरूर बचना चाहिए.गर्म पानी में दिन में दो बार गरारे करने से भी लाभ मिलता है .नाक को दिन में दो बार नमक के साथ किया हुआ गर्म पानी से जरूर साफ़ करें.प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने के लिए विटामिन-C युक्त सामग्री का ज्यादा प्रयोग करें.तरल पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करने से वायरस पेट में चला जाता है.पेट में वायरस जाने के बाद आकार भी नहीं ले पता है और मर भी जाता है.
भारत में 2009 में दस्तक दिया था H1 N 1 वायरस
एन्फ्लूएंजा H 1 N 1 पिछले कुछ वर्षों में साँस की गंभीर बीमारी और मौत का कारण बना था.भारत में स्वाइन फ्लू का पहला मामला मई 2009 में दर्ज किया गया था.लेकिन उसके बाद बड़ी संख्या में H 1 N 1 वायरस के मामले मिले थे.H 1N 1 (1918 -1920 ) का स्पैनिश फ्लू के नाम से भी जाना जाता है. यह पहला स्पैनिश फ्लू महामारी से जाना जाता है.
रिपोर्ट : रंजना कुमारी (रांची ब्यूरो )
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