TNP DESK: झारखंड में स्थित देउड़ी मंदिर, जिसे ‘देउड़ी दिरी’ के नाम से भी जाना जाता है. ये मंदिर आपको झारखंड के रांची-टाटा हाईवे (NH‑33) पर तमाड़ के दिउरी गांव में मिलता है. देउड़ी मंदिर करीब 700 साल पुराना है और इसकी स्थापना 14वीं शताब्दी में सिंहभूम के आदिवासी मुंडा राजा केरा ने की थी. इस मंदिर के अंदर गर्भगृह में मां देवी की 16-भुजाओं वाली लगभग 3‑फीट ऊँची मूर्ति स्थापित हैं.

देवरी मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

देवी मंदिर इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि आमतौर पर देवी दुर्गा की 8 या 10 भुजाओं वाली मूर्तियां देखी जाती है, लेकिन इस मंदिर में मां दुर्गा की 16 भुजाओं वाली मूर्ति स्थापित की गई है,और खास बात यह भी है कि यह मंदिर 700 साल पुरानी है. मंदिर में विराजमान मां धनुष ढाल फूल आदि धारण किए हुए नजर आती है. पूरे झारखंड में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां सप्ताह के 6 दिन आदिवासी पुजारी और एक दिन ब्राह्मण पुजारी पूजा करते हैं. इस मंदिर में आदिवासी और हिंदू परंपरा का संगम देखने को मिलता है. मंदिर को बिना किसी बाइंडिंग सामग्री के पत्थरों जोड़कर बनाया गया था.

मनोकामना पूर्ति की परंपरा 

भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में उनकी हर एक मनोकामना पूर्ण होती है. जहां भक्त अपनी मनोकामन की पूर्ति के लिए मंदिर में बांस पर लाल रंग के पवित्र धागे बनते हैं और फिर जब मन्नत पूरा हो जाता है तो वापस आकर धागा खोलते हैं. साथी कई भक्त इस मंदिर में बाली भी चढ़ते हैं.

महेंद्र सिंह धोनी का विशेष संबंध

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जो रांची के रहने वाले हैं. उनका इस मंदिर से खास संबंध है. महेंद्र सिंह धोनी जब भी रांची आते हैं तो बस मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए जरूर आते हैं. आपको यह भी बताया कि महेंद्र सिंह धोनी इस मंदिर के नियमित भक्त है और हर एक मैथ से पहले या पूजा अर्चना करते हैं जिससे हम अंदर और भी ज्यादा प्रसिद्ध हुआ है. पर जब से महेंद्र सिंह धोनी इस मंदिर में पूजा अर्चना करने आने लगे हैं तब से यह मंदिर पूरे भारत में अब प्रसिद्ध होने लगा है. 2011 में क्रिकेट विश्व कप से पहले उन्होंने यहां पूजा-अर्चना की थी, और भारत की जीत के बाद पुनः आकर मां का आशीर्वाद लिया था.इसी तरह, 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी और 2023 में आईपीएल जीतने से पहले भी उन्होंने इस मंदिर में पूजा की थी.धोनी का मानना है कि मां देउड़ी के आशीर्वाद से ही उन्हें सफलता मिली है.

विवाद और सांस्कृतिक पहचान

बीते वर्ष ही मंदिर की प्रबंधन व्यवस्था को लेकर आदिवासी समुदाय और प्रशासन के बीच विवाद शुरू हो गया था. जहां आदिवासी समुदाय का मानना है कि यह स्थल उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक है, जिसे उन्हें बचा कर रखना है .

मंदिर तक कैसे पहुंचे 

देउड़ी मंदिर दिउरी गांव, तमाड़, रांची, झारखंड में स्थित है, मंदिर .रांची से लगभग 60-70 किमी की दूरी पर है. वहीं मंदिर सुबह 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है. आपको बताए यहां से निकटतम हवाई अड्डा बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची है और निकटतम रेलवे स्टेशन रांची जंक्शन है.