पटना(PATNA):बिहार विधानसभा चुनाव के रण में अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सियासी पत्ते खोलना शुरू कर दिया है. पहले चरण के चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है, और इसी के साथ पार्टी ने अपनी 85 सीटों की फाइनल लिस्ट लगभग तय कर ली है.पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हर सीट का पूरा खाका तैयार है.कौन उम्मीदवार होगा, नॉमिनेशन में कौन नेता शामिल होंगे, और रैली में कौन स्टार प्रचारक मंच साझा करेंगे, सब तय हो चुका है.
85 सीटों में से 50 सीटिंग विधायकों को चुनावी तैयारी शुरू
बीजेपी ने अपनी 85 सीटों में से 50 सीटिंग विधायकों को चुनावी तैयारी शुरू करने के निर्देश दे दिए है. इनमे से कई को पार्टी हाईकमान की मौखिक स्वीकृति भी मिल चुकी है.हर उम्मीदवार के नॉमिनेशन और सभा के कार्यक्रम का ‘ब्लूप्रिंट’ तैयार कर लिया गया है, ताकि आधिकारिक घोषणा के साथ ही उम्मीदवार सीधे मैदान में उतर सकें.
बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है
पार्टी का फोकस इस बार सीमा क्षेत्रों और उत्तर बिहार की सीटों पर ज़्यादा है, जहां 2020 में एनडीए को नुकसान उठाना पड़ा था.सीटों की संख्या कम होने के बावजूद बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, नॉमिनेशन और रैलियों में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट भी तैयार है. सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मंगल पांडे, राजीव प्रताप रूढ़ी और दिलीप जायसवाल जैसे नेता नॉमिनेशन में शामिल रहेंगे, जबकि रैलियों में अमित शाह, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, मनोज तिवारी, रवि किशन और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ गठबंधन के चेहरे नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी मंच साझा करेंगे.
41 सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय है
जिन 41 सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय हैं, उनमें कई दिग्गज शामिल है.गोविंदगंज से सुनील मणि तिवारी, पिपरा से श्याम बाबू प्रसाद यादव, मोतिहारी से प्रमोद कुमार, ढाका से पवन जायसवाल, रीगा से मोतीलाल प्रसाद, लौरिया से विनय बिहारी, चनपटिया से उमाकांत सिंह, बेतिया से रेणु देवी, हरिसिद्धि से कृष्णनंदन पासवान, और बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा.इसके अलावा, बिहारशरीफ से सुनील कुमार, कटोरिया (एसटी) से निक्की हेम्ब्रम, रोसड़ा (एससी) से वीरेंद्र पासवान, बेगूसराय से कुंदन सिंह, गोपालगंज से कुसुम देवी, दरभंगा से संजय सरावगी, कटिहार से तारकिशोर प्रसाद, पूर्णिया से विजय खेमका, बनमनखी से कृष्ण कुमार ऋषि, फारबिसगंज से विद्यासागर केसरी, और बिहपुर से कुमार शैलेंद्र के नामों पर भी पार्टी ने मुहर लगा दी है.
44 सीट पर संशय बरकरार है
हालांकि, बीजेपी के भीतर 44 सीटें ऐसी हैं जहां टिकट पर संशय बरकरार है.इनमें कई सिटिंग विधायक भी शामिल है, जिनके लिए अगला चुनाव ‘लास्ट चांस’ बन सकता है.इनमें रामनगर (एससी) से भागीरथी देवी, बगहा से राम सिंह, नरकटियागंज से रश्मि वर्मा, रक्सौल से प्रमोद सिन्हा, सकरा से मिथलेश कुमार, नरपतगंज से जयप्रकाश यादव, सिकटी से विजय मंडल, कोढ़ा से कविता पासवान, और कहलगांव से पवन यादव के नाम ‘रिस्क जोन’ में बताए जा रहे है.
पटना की सीटों पर भी टिकट का पेंच फंसा
राजधानी पटना की सीटों पर भी टिकट का पेंच फंसा हुआ है.दीघा से संजीव चौरसिया, बांकीपुर से नितिन नवीन, और कुम्हरार से अरुण कुमार सिन्हा के टिकट पर असमंजस बरकरार है.इसी तरह पटना साहिब से नंदकिशोर यादव, आरा से अमरेंद्र प्रताप सिंह, विक्रम से सिद्धार्थ सौरभ, भभुआ से भरत बिंद, और गया टाउन से प्रेम कुमार के नामों पर भी पार्टी में मंथन जारी है.
पार्टी “वफादारों और विजेताओं” पर भरोसा करेगी
बीजेपी की रणनीति साफ है. इस बार पार्टी “वफादारों और विजेताओं” पर भरोसा करेगी, लेकिन प्रदर्शन के आधार पर टिकट काटने से भी पीछे नहीं हटेगी.संगठन सूत्रों के अनुसार, 40 फीसदी नए चेहरों को मौका देने की योजना है ताकि युवा वोटर और साइलेंट सपोर्ट बेस को साधा जा सके.राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बीजेपी की यह लिस्ट एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग का भी संकेत देती है. जेडीयू और लोजपा (रामविलास) के साथ बातचीत फाइनल दौर में है, लेकिन बीजेपी ने अपने कोटे की सीटों पर पूरी तैयारी कर ली है.अब बस आधिकारिक ऐलान बाकी है.

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