TNP DESK- रविवार को  चिराग पासवान की रैली में अधिक भीड़ होती है कि उपेंद्र कुशवाहा की सभा में.  इस पर न केवल राजनीतिक पंडितों की नजर रहेगी बल्कि जदयू और भाजपा के लोग भी नजर रखेंगे.  सीट शेयरिंग के पहले दोनों नेताओं की सभा कई मायनों  में प्रमुख हो सकती है.  बिहार विधानसभा चुनाव के पहले एनडीए में भी ताकत का प्रदर्शन शुरू हो गया है.  एनडीए के घटक दल आगे निकलने की रेस में शामिल हो गए है.  अपने-अपने सहयोगियों को अपनी ताकत दिखाने का प्रयास शुरू कर दिए है.  सूचना के अनुसार 8 जून को लोजपा (आर) के मुखिया चिराग पासवान की आरा में रैली है, वहीं  आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की उसी  दिन मुजफ्फरपुर में जनसभा प्रस्तावित है.  एनडीए में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होने से पहले इन नेताओं ने अपनी सक्रियता अचानक बढ़ा दी है.  

दोनों की रैलियों  को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा 

दोनों की रैलियों  को सीट बंटवारे के पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.  इससे जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ाना बहुत स्वाभाविक है.  चिराग पासवान की आरा के  रमना मैदान में 8 जून को बड़ी जनसभा है.  इस सभा को सफल बनाने में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जुटे है.  आसपास के जिलों से भी लोगों को लाने की कोशिश हो रही है.  बता दें कि चिराग पासवान केंद्र की राजनीति से अलग हटकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का कई बार संकेत दे चुके है.  पार्टी के लोग चिराग पासवान को किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि जनरल सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव दे रहे है.  जिससे कि यह कहा जा सके कि वह एक वर्ग के नहीं बल्कि पूरे जमात के नेता है. 

 एनडीए में रह नीतीश सरकार को घेर रहे चिराग 

 एनडीए में रहते हुए भी चिराग पासवान ने नीतीश  सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे है. दलित बच्ची से  रेप और हत्या के मामले में भी उन्होंने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कानून व्यवस्था और सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़ा किए है.  आने वाले दिनों में चिराग पासवान का क्या कदम होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है.  दूसरी ओर  पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा 8 जून को ही  मुजफ्फरपुर में बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे है.  मुजफ्फरपुर की सभा में अगल-बगल के जिलों से भी कार्यकर्ताओं को बुलाया जा रहा है.  रविवार को चिराग पासवान की रैली में भीड़ अधिक होती है या उपेंद्र कुशवाहा की रैली में, इस पर सबकी निगाहें टिक गई है. बता दे कि  बिहार विधानसभा में एनडीए में अभी सीट शेयरिंग का फार्मूला तय नहीं हुआ है.  

कई चर्चाये -किसकी सीट बढ़ेगी -किसकी घटेगी 

चर्चाओं पर भरोसा करें तो एनडीए के दोनों बड़े घटक जदयू  और बीजेपी कम से कम 100 -100  सीट पर चुनाव लड़ेंगे.  जदयू की कोशिश है कि उसे बीजेपी से भले एक ही एक ही क्यों नहीं , लेकिन अधिक सीट मिले, ताकि वह राज्य में खुद को बड़ा भाई बता सके.  अटकलें के मुताबिक बची  सीटों पर चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा को सीट देने पर बात चल रही है.  चिराग पासवान को बांधे रखने के लिए कुछ सीट उन्हें अधिक देनी पड़े , तो नुकसान जीतनराम मांझी और कुशवाहा को हो सकती है.  ऐसे में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही नेता अपनी -अपनी पार्टी के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए है.  आगे इसका क्या असर होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो