पटना (PATNA):पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है. जहां उन्होंने आरोप लगाया कि जब पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जरूरत थी, तब प्रधानमंत्री ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर युद्धविराम स्वीकार कर लिया.साथ ही स्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “जब पाकिस्तान की पिटाई करनी थी, तब मोदी ने ट्रंप के कहने पर सीजफायर क्यों किया? क्या हमारे प्रधानमंत्री अमेरिका के राष्ट्रपति से डरते हैं?
अमेरिका की भूमिका पर उठाए सवाल
सुब्रमण्यम स्वामी ने यह भी कहा कि अमेरिका बार-बार दावा कर रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम उसकी मध्यस्थता से हुआ है. जो कि भारत की संप्रभुता और प्रतिष्ठा के लिए अपमानजनक है.उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को इस पर सफाई देनी चाहिए कि आखिर किन हालात में पाकिस्तान से बातचीत का निर्णय लिया गया.
सांसदों के डेलिगेशन पर तंज
सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार द्वारा सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विदेशों में आतंकवाद के खिलाफ भेजने पर भी सवाल उठाए. जहां उन्होंने कहा, “ये लोग आतंकवाद के खिलाफ नहीं, मौज करने गए हैं. इनमें कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो इस विषय का विशेषज्ञ हो.इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता शशि थरूर को अमेरिका भेजे जाने पर भी आपत्ति जताई और कहा, “जिस व्यक्ति पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है, उसे अमेरिका क्यों भेजा गया?
वक्फ संपत्ति और संविधान पर बयान
साथ ही वक्फ संपत्ति और संविधान पर बयान देते हुए कहा कि“भारत का संविधान सभी नागरिकों के लिए समान है और मुसलमानों को भी इसे स्वीकार करना चाहिए, अलगाव की मानसिकता ठीक नहीं है.
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