पटना (PATNA) : पद्मभूषण सम्मानित मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. उनकी पार्थिव देह को आज इंडिगो विमान से पटना एयरपोर्ट लाया गया, जहां तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर का स्वागत किया गया. इसके बाद, ‘मुक्ति रथ’ के माध्यम से उनके पार्थिव शरीर को पाटलिपुत्र आवास पहुंचाया गया, जहां आज उनके चाहने वाले और समर्थक उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे.
पटना के डीएम ने जानकारी दी कि परिवार की इच्छा के अनुसार, कल शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर किया जाएगा, जो उनके दिवंगत पति के अंतिम संस्कार का भी स्थान रहा है. शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान ने इस अवसर पर कहा कि यह संयोग ही है कि उनकी मां का निधन छठ के अवसर पर हुआ, जो कि बिहार के लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व है.
इस दुखद मौके पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने शारदा सिन्हा के योगदान को याद करते हुए कहा, "शारदा जी ने अपनी आवाज से भारतीय संस्कृति और बिहार की माटी की पहचान बनाई. उनके जाने से पूरे देश में एक सूनापन आ गया है. वे हमारे लिए राष्ट्रीय संपत्ति थीं."
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा का निधन बिहार के लिए अपूरणीय क्षति है, और उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ आयोजित किया जाएगा.
शारदा सिन्हा के गानों ने छठ पर्व को नई पहचान दी और आज उनके इस दुनिया से जाने पर छठ महापर्व की आस्था और भावनाओं में एक गहरी कमी महसूस की जा रही है. उनके अंतिम दर्शनों के लिए पटना में पाटलिपुत्र आवास पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, और हर किसी की आंखों में उनके प्रति श्रद्धांजलि और सम्मान है.
रिपोर्ट-ऋषिनाथ

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