कैमूर(KAIMUR): बिहार पर जंगल राज होने के आरोप लगते रहता है, क्योंकि यहां रोजाना अलग-अलग जिलों में कई आपराधिक घटाएं होती है, जिसमे खुलेआम अपराधी लूट, हत्या, चोरी डकैती जैसी वारदात को अंजाम देते है. जिसकी खबरें आपको देखने को या सुनने को मिलती हैं. जहां कभी संपत्ति को लेकर तो कभी आपसी रंजीश लेकर लोग एक दूसरे के, जान के दुश्मन बन जाते हैं. वहीं थानों में इतने केस दर्ज हो जाते हैं कि उसको सुलझाना पुलिस के बस में नहीं होता है. लेकिन आज हम आपको बिहार के एक ऐसे गांव के बारे में बताने वाले हैं, जहां आजादी के 77 साल बाद भी आज तक थानों में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है.
घरों में चोरी नहीं होती है
आजादी के बाद तक बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया प्रखंड स्थित अमेठ पंचायत के सरेयां गांव में आज तक किसी भी व्यक्ति पर थाने में केस दर्ज नहीं हुआ है. आज के जमाने में जहां आपके पलक झपकते ही चोरी हो जाती है, लेकिन इस गांव में चोरी की घटनाएं भी नहीं होती हैं. लोग बड़े ही भाईचारे के साथ इस गांव में खुशी-खुशी रहते हैं.
2014 में आदर्श गांव किया गया था घोषित
लगभग 500 आबादी वाले इस गांव में मारपीट या किसी मामले में गांव में ही समझौता होता है. आज के कलयुग में भी इस गांव में लोगों ने अपनी आपसी समझदारी से एक व्यवस्था बनायी है. जिसको देखते हुए साल 2014 में डीएम ने इस गांव को आदर्श ग्राम घोषित किया था.
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