टीएनपी डेस्क (Tnp Desk):- हेमंत सोरेन सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना मंईयां सम्मान की राशि महिलाओं को मिल रही है. थोड़ी बहुत अड़चन और खामियां के चलते बाधाएं आई. लेकिन, राज्य सरकार की मंशा हमेशा साफ रही कि हकदर महिला को ही इसका पैसा मिले. जो वाकई इसकी योग्यता और अहर्ता रखती है. हालांकि, अब सब लोग जान चुके है कि राज्य सरकार सही लाभुकों को पैसा देने से पीछे नहीं हटेगी और हर हाल में देगी.

बचे लाभुकों को मिलने लगे पैसे

विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार मंईयां सम्मान योजना की 1000 की राशि दे रही थी. चुनाव जीतने के बाद मासिक किस्त 2500 रुपए बढ़ा दी गई. अभी-अभी मई महीने में अप्रैल माह की राशि की भुगतान की गई थी. अभी मई महीने का बकाया नहीं दिया गया है. हालांकि, इस दरमियान देखा गया कि लाखों लाभुको को पैसा नहीं मिला, उन्हे होल्ड पर रखा गया था. जिनकी संख्या राज्य में तकरीबन 7.65,248 लाख लोगों की थी. पैसा नहीं मिलने की सबसे बड़ी वजह आधार सीडिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी. इसके साथ ही इस योजना के लिए कौन योग्य है, इसका सत्यापन भी नहीं हो पाया था. लेकिन अब यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो गयी है . अब सरकार ने इनके पैसे भी खाते में डालने शुरु कर दिए हैं.

मुख्यमंत्री ऑफिस से एलान  

खुद मुख्यमंत्री ऑफिस ने इस बात की तस्दीक की और बताया कि राज्य में बचे हुए लाभुकों को पैसा दिया जा रहा है. लाजमी है कि ये बहुत ही खुशी की बात है, जिनका पैसा कुछ कारण से फंसा हुआ था, राज्य सरकार ने देना शुरु कर दिए हैं.

आईए जानते है कि आखिर राज्य में कितनी महिलाएं थी और किस जिले में थी. जिनका मंईयां सम्मान की राशि होल्ड पर थी यानि उनको पैसा खाते में नहीं आया था. दरअसल, शनिवार से ही राज्य सरकार ने बचे हुए 7,65,348 लाभुको को देना शुरु कर दिया है. ये वैसी महिलाएं थी, जिनका आधार सीडिंग नहीं होने के चलते अप्रैल माह की किस्त का भुगतान नहीं किया जा सका था.

 

हजारीबाग में सबसे ज्यादा बचे हुए लाभुक

अगर सिलसिलेवार तरीके से देंखे तो सबसे ज्यादा हजारीबाग जिले में 87,236 लाभुक थे, जिनके पैसे अटके हुए थे. वही, दूसरे नंबर पर रांची जहां लाभुकों की संख्या 83,178 थी. तीसरे स्थान पर बोकारो जिला था, जहां 77,391 लाभुक थे, जिन्हें मंईयां सम्मान की राशि नहीं मिली थी. चौथे स्थान पर जमशेदपुर के 77,298 और पांचवें नंबर पर धनबाद के 75,416 लोग थे. जिनका पैसा अटका हुआ था. सबसे कम सिमडेगा जिले के लाभुक थे, जहां सिर्फ 87 लोगों को पैसा रोक दिया गया था. मंईयां सम्मान योजना की कुल 52.35 लाख स्वीकृत लाभुक है, जिन्हें इस योजना का लाभ मिल रहा है. अब हेमंत सोरेन सरकार ने जांच पड़ताल और वेरिफिकेशन करने के बाद बचे हुए लाभुकों को भी अप्रैल महीने का पैसा देना शुरु कर दिया है.

अब मासिक किश्त मिलने में नहीं होगी दिक्कत

अब इससे फायदा ये होगा कि जिन लाभुकों को पैसा मिल रहा है, अब आगे उन्हें किसी भी तरह की शायद ही कोई अड़चना सामने आयेगी, क्योंकि काफी जांच परख करने के बाद पैसा दिया जा रहा है. जो वाकई इस योजना की पात्र है. क्योंकि पहले ये देखा गया था कि उन लोगों ने भी इस सरकारी योजना का पैसा उठाया, जो कही से भी इसकी हकदार नहीं थी. इस दौरान कुछ ऐसे घालमेल और गड़बड़ी देखने को मिली कि मंईयां सम्मान की राशि फर्जी तरीके से उठाई जा रही है.

हेमंत सोरेन सरकार ने इस योजना की शुरुआत इसलिए की थी कि राज्य की 18 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने ढाई हजार रुपए मिले. इससे उसे एक आर्थिक सहायता मिले, ताकि उनकी जिंदगी आसान बनें और खुद को सबल बनकर आगे बढ़े.