टीएनपी डेस्क (Tnp Desk):-  दुनिया में एक से एक अजीबों-गरीब चिजे औऱ तमाशा होते रहती है, किसी की लापरवाही का खामियाजा किसी औऱ को भुगतना पड़ता है. कभी-कभी तो इसके चलते किसी की जान तक चली जाती है. इसके पीछे वजह रहती है गैर जिम्मेदारान रवैया. अगर कोई भी जिम्मेदारी से अपना काम करें, तो फिर गलतियां नहीं होगी. ऐसा ही कुछ लापरवाही की इंतहा देखने को मिली, जब एक जिंदे इंसान को मार दिया गया. गफलत का ये मामला किसी को भी हैरत में डाल देगा . दरअसल, एक जिंदा शख्स को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया , जब उस शख्स के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी. तब ही वह उठकर बैठ गया. इससे आस पास लोगों में अफरा-तफरी मच गई और सर पकड़कर बैठ गये. सोचने लगे कि भला ऐसा क्या चमत्कार हो गया कि मरा हुआ इंसान जिंदा हो गया.

मरा हुआ इंसान हो गया जिंदा  

यह घटना महाराष्ट्र के ठाणे के उल्हासनगर की है. जहां डॉक्टर ने अभिमन्यु तायडे को मृत घोषित कर दिया था. परिजनों ने बताया कि पीलिया रोग से पीड़ित तायडे ने बेचैनी की शिकायत की थी. जिसके बाद उसे आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जिसके बाद परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरु कर दी.इसी दौरान अभिमन्यु तावड़े जाग गये और उठकर बैठ गये. इसके बाद तो सभी के पसीने छूट गये.

डॉक्टर ने बना दिया था मृत्यु प्रमाण पत्र

अस्पताल के डॉक्टर ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन दावा किया कि मानवीय आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र दिया था. जब परिवार ने खुद बताया था कि तायडे की मौत हो गयी है. सवाल यही उठ रहा है कि फिर डॉक्टर ने मरीज की जांच क्यों नहीं किया, आखिर किसी के कहने पर उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे दे दिया. इसमे तो सरासर डॉक्टर की ही गलती और लापरवाही सामने दिख रही है. फिलहाल अभिमन्यू तायडे अभी भी ठीक नहीं हुए है और उनका इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है. हॉस्पिटल की लापरवाही के संबंध क्या कार्रवाई की जाएगी और क्या इस पर विभाग कहता है. ये देखने वाली बात होगी.