पटना (PATNA) : बिहार में एक बार फिर बहुप्रचारित विकास कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटित किए गए बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन की हालत कुछ ही महीनों में जर्जर होने लगी है. बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत रानीसराय के पास फोरलेन सड़क का साइड स्लोप धंस चुका है, और करीब एक किलोमीटर क्षेत्र में कई मोटी दरारें भी देखी गई हैं. 

यह मामला सिर्फ तकनीकी लापरवाही का नहीं, बल्कि निर्माण में भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के इस्तेमाल का भी बड़ा संकेत देता है. स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. 

घटिया निर्माण की पोल खुली : 

स्थानीय उप मुखिया शशि भूषण कुमार ने बताया कि "साइड स्लोप पूरी तरह धंस चुका है और रोड में भी दरारें आ चुकी हैं. यह पूरी तरह से सीएनसी कंपनी की लापरवाही और भ्रष्टाचार को दर्शाता है."
उन्होंने आशंका जताई है कि अगर जल्द सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थान किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है. उन्होंने मामले की जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है. 

रानीसराय निवासी विनीत यादव ने बताया कि वन-वे यातायात के कारण अब तक 8 से 10 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. उन्होंने सरकार से मांग कि थी, की दरारों और गड्ढों की जांच कराई जाए, क्योंकि यह इलाका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्म क्षेत्र भी है, और यहां की बदहाली शर्मनाक है. 

फोरलेन निर्माण के दौरान कंपनी ने चंदा, महमदपुर और आसपास के करीब 10 गांवों को जोड़ने के लिए कनेक्टिंग सड़क देने का वादा किया था, लेकिन वह अब तक अधूरा है. इसका खामियाजा गांववासियों को उठाना पड़ रहा है, जिन्हें रोजमर्रा के कामों के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.