जमशेदपुर (JAMSHEDPUR)- आज ट्रेनी एयर होस्टेस मौसमी चौधरी की जयंती है. अगर वह जीवित होती तो 30 वर्ष की हो जाती. कोविड गाइडलाइन्स और अपनी सेहत को देखते हुए बीमार मां तापसी चौधरी ने सार्वजनिक जगह पर कोई कार्यक्रम नहीं किया बल्कि घर पर ही मौसमी चौधरी को श्रद्धांजलि दी. सामाजिक कार्यकर्ता राधाकांत ओझा भी मौसमी के घर पहुंचे. घर पर मौसमी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर और शंख बजाकर श्रद्धांजलि दी गई.
यह है मामला
जमशेदपुर के चर्चित इस कांड के बारे में सब जानते हैं कि आहा संस्थान की ट्रेनी एयर होस्टेस मौसमी चौधरी को होटल सोनेट से 9मई 2009 को संदिग्ध हालत में टीएमएच लाया गया था. जहां पहले आईसीयू फिर सीसीयू में इलाजरत रहने के बाद 20 मई को उसे मृत घोषित किया गया था. मां तापसी चौधरी ने बेटी के साथ होटल में दुष्कर्म कर हत्या का आरोप लगाया था.
मां का आरोप, इलाज के नाम पर शव रखा जब्त
मां का स्पष्ट कहना था कि मौसमी की हत्या 9 मई को ही हो गई थी और टीएमएच में तत्कालीन टाटा स्टील के वीपी पार्थो सेन गुप्ता के दबाव पर जबरन मौसमी के शव को रखा गया था. बाद में 20 मई को उसे मृत घोषित किया गया था. मां का आरोप है कि होटल मालिक के रसूख और टाटा के बड़े अधिकारियों तक उसके बेहतर संपर्क की वजह से मामले की पहले पुलिस ने लीपापोती की. जिसके बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दो दो बार सीबीआई जांच हो गई है लेकिन न्याय नहीं मिला. मां ने आरोप लगाया है कि रसूखदार आरोपियों की वजह से सीबीआई भी बिक गई. मां तापसी चौधरी ने आरोप लगाया है कि सीबीआई उस पर लगातार दबाव दे रही है कि वह इस घटना को दुर्घटना मान ले. तापसी चौधरी ने न्याय की गुहार लगाई. सामाजिक कार्यकर्ता राधाकांत ओझा ने सीबीआई कोर्ट के न्यायधीश से इस मामले में न्याय की अपील की है.
मामले के तार Dr प्रभात हत्याकांड से जुड़े
मां तापसी चौधरी ने मौसमी चौधरी की हत्या के छह महीने के भीतर टीएमएच की इमरजेंसी के हेड Dr प्रभात की हत्या के पीछे भी मौसमी हत्याकांड को वजह बताया है. मां का कहना है कि होटल सोनेट में एयर होस्टेस संस्थान आहा की हाऊस कीपिंग की ट्रेनिंग चल रही थी. जहां शनिवार को सुबह सुबह मौसमी को होटल बुलवाया गया था, जहां से संदिग्ध हालत में सबसे पहले टीएमएच इमरजे़सी विभाग लाया गया था. वहां शव के दाखिले को Dr प्रभात ने दाखिला लेने से इंकार कर दिया जिसके बाद तत्कालीन टाटा के वीपी पार्थो सेनगुप्ता के दबाव पर मौसमी को पहले आईसीयू और फिर सीसीयू में दाखिल कराया गया. तापसी चौधरी ने आरोप लगाया कि मौसमी किस हालत में टीएमएच लाई गई थी इसके अहम गवाह Dr प्रभात थे जिस वजह से उनकी भी हत्या कर दी गई.
मामला पहले हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था
मौसमी चौधरी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को धारा 302के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे लेकिन सीबीआई ने ऐसा नहीं किया. दरअसल जब पुलिस ने मामले की लीपापोती कर दी तब मां तापसी चौधरी ने हाई कोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्र को पत्र लिखा जिसका संज्ञान लेते हुए इसे पीआईल में बदल दिया गया. मामले के मीडिया हाईलाईट होने और डा प्रभात हत्याकांड के तार जुड़ने के बाद भले ही टाटा स्टील की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया लेकिन तत्कालीन वाईस प्रेसीडेंट पार्थो सेनगुप्ता को हटा दिया गया था. मां तापसी चौधरी कहती है कि सीबीआई तक आरोपियों की पहुंच है. तत्कालीन सीबीआई निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह कभी जमशेदपुर के एसपी रह चुके थे और इस संपर्क का लाभ आरोपियों को मिला. लेकिन मां तापसी चौधरी को न्यायपालिका पर भरोसा है और उन्होंने मरते दम तक न्याय के लिए लड़ने की बात कही है.
रिपोर्ट - अन्नी अमृता, ब्यूरो चीफ, जमशेदपुर
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