धनबाद (DHANBAD) : डीनोबिली , सिंदरी के छात्र स्मिथ आकाश की मौत क्लास रूम में ही साथियों की पिटाई से हुई है. यह हम नहीं कह रहे हैं, क्लास रूम में लगे सीसीटीवी की तस्वीरें यह बता रही हैं. तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि कुछ छात्र उसकी पिटाई कर रहे हैं.  पिटाई के बाद ही उसकी हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई.  फिलहाल सिंदरी क्षेत्र के डीएसपी स्कूल पहुंचे हुए हैं और  जो -जो छात्र पिटाई करते हुए दिख रहे हैं, उनको पूछताछ के लिए स्कूल बुलाया गया है.  

बंद कमरे में हो रही है पूछताछ, डीएसपी कर रहे कैंप 

अपराहन 4:30 बजे तक क्लास का मॉनिटर स्कूल पहुंचा है, जिससे  बंद कमरे में पूछताछ की जा रही है.  इधर, छात्र के पिता प्रफुल्ल कुमार का कहना है कि सुबह घर से वह  भला चंगा नाश्ता करने के बाद उन्होंने ही  बाइक से स्कूल छोड़ा.  लगभग 11 बजे उसके क्लास टीचर ने फोन किया कि आपके बेटे को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, डॉक्टर को दिखाने ले जा रहे हैं.  दो  मिनट के अंदर स्कूल पहुंचे तो पाया कि उनका बेटा बेसुध पड़ा  था, उसे स्थानीय डॉक्टर को दिखाया गया लेकिन उसने सरकारी अस्पताल SNMMCH रेफर कर दिया.  धनबाद पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. 

पिता का आरोपी -स्कूल प्रबंधन की लापरवाही है वजह 
 
पिता का कहना है कि सब कुछ स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है.  पहले बात छुपाने की कोशिश की गई लेकिन जब मौत हो गई तब भी साफ-साफ कुछ नहीं बताया जा रहा था.  यहां तक कि स्कूल के टीचर अस्पताल भी आए थे, लेकिन बिना कुछ कहे चले गए.  पिता का आरोप है कि क्लास रूम में ही पीटकर उनके बेटे की हत्या कर दी गई है.  इधर ,अस्पताल परिसर में मां के क्रंदन से माहौल पूरी तरह से गमगीन हो गया था. 

अस्पताल में मां का बुरा हाल 
 
मां  बेटे को दुलार रही थी, पुचकार  रही थी, जगा रही थी, उस बेचारी मां को क्या मालूम कि अब उसका बेटा लाश बन चुका है.  हर देखने सुनने वालों की आंखें नम हो गई थी और उन कातिलों को  भला बुरा कह रही थी.  बहरहाल , इस पूरे घटनाक्रम में स्कूल प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है.  सूत्रों के अनुसार 2:30 या 3:00 मिनट का सीसीटीवी फुटेज नहीं है.  आखिर क्या कारण है कि सारे फुटेज हैं और कुछ  फुटेज गायब हैं.  कई और ऐसे सवाल हैं, जो स्कूल प्रबंधन को भी कटघरे में खड़ा करते हैं. मृतक छात्र का परिवार ओड़िसा का रहने वाला है. मृतक के पिता एलआईसी में काम करते हैं . 

रिपोर्ट : सत्याभूषण सिंह, धनबाद