टीएनपी डेस्क: अगर आप भी पैन या आधार कार्ड ऑनलाइन बनवा रहे हैं या फिर उसमें सुधार करवा रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि, आपका पैन और आधार कार्ड बने न बने लेकिन आपका बैंक अकाउंट का बैंड जरूर बज जाएगा. जी हां, इन जरूरी डॉक्यूमेंट्स को ऑनलाइन बनवाने के चक्कर में आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं. ऐसा ही एक फ्रॉड का मामला कानपुर से आया है. जहां एक शख्स को पैन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना भारी पड़ गया. पैन कार्ड बनवाने के चक्कर में शख्स के बैंक अकाउंट से 7.7 लाख रुपये उड़ गए.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह स्कैम तब हुआ जब पीड़ित अपने परपोते का पैन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर सर्च कर रहा था. इस दौरान उन्हें एक हेल्पलाइन नंबर मिला, जिस पर कॉल करने से दो व्यक्तियों ने बात की. दोनों ही व्यक्तियों ने खुद को ग्राहक सेवा अधिकारी बताया. इसके बाद पैन कार्ड बनवाने के लिए स्कैमर्स ने पीड़ित से उसका आधार, पैन कार्ड और बैंक के सारे डिटेल्स मांगे. जिसके बाद पीड़ित ने स्कैमर्स को असली ग्राहक सेवा अधिकारी समझकर अपने सारे डिटेल्स बता दिए. पीड़ित के डिटेल्स बताते ही स्कैमर्स ने पीड़ित के बैंक अकाउंट में डाका डाल दिया और दो बार में पीड़ित के अकाउंट से 7.7 लाख रुपये उड़ा लिया. जब पीड़ित को बैंक से पैसे कटने का पता चला तब उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ. पीड़ित ने फिर पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई.
इन बातों का रखें ध्यान
- अगर डॉक्यूमेंट्स बनाने के लिए आप ऑनलाइन अप्लाई कर रहे हैं तो फिर आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही अप्लाई करें. पैन कार्ड से संबंधित सेवाओं के लिए NSDL या UTIITSL और आधार के UIDAI जैसे आधिकारिक सरकारी पोर्टल का ही इस्तेमाल करें.
- अगर आप ग्राहक सेवा नंबर की सहायता ले रहे हैं तो उस नंबर की पहले जांच करें. आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर ही कॉल करें. खुद को ग्राहक सेवा अधिकारी बताने वाले कॉल्स से बचें.
- कभी भी आधार कार्ड, बैंक और पैन कार्ड से जुड़ी जानकारी किसी भी वेबसाइट या अन्य प्लेटफ़ॉर्म के साथ शेयर न करें.
- धोखाधड़ी होने पर पुलिस स्टेशन या साइबर अपराध सेल में जाकर इसकी शिकायत दर्ज करें. आप ऑनलाइन साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर भी रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं.
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