धनबाद(DHANBAD): धनबाद के शराब के शौकीन संभल जाये. अब तो सरकारी शराब की दुकानों में भी अवैध या मिलावटी शराब बेचे जाने की पुष्टि हो गई है. धनबाद की शराब दुकानों में रांची की टीम की छापेमारी के बाद सेल्समेन तो जेल चले गए हैं ,लेकिन अब दारोगा  और इंस्पेक्टर्स की बारी है.  बताया जाता है कि एक दारोगा  के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया है, वहीं एक  इंस्पेक्टर को जिला से बाहर तबादले के लिए डीसी को पत्र लिखा गया है. सवाल किया जा रहा है कि जब अधिकारियो की जानकारी में गोरखधंधा किया जा रहा था, तो निलंबन और तबादले की कार्रवाई क्या पर्याप्त है?. 

आखिर विभाग सूचना के बाद भी क्यों एक्शन नहीं ले रहा था 

 सूत्र बताते हैं कि सरकारी शराब दुकानों में अवैध शराब की बिक्री बहुत पहले से हो रही थी.  इसकी शिकायत लगातार की जा रही थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी.  इसका खुलासा गुरुवार की देर शाम को हुआ था. जब रांची की टीम ने मेमको  मोड़  और गोल बिल्डिंग की शराब दुकानों में छापेमारी की.  छापेमारी के बाद पांच सेल्समैनों को हिरासत में लिया गया था , जिन्हें शुक्रवार को जेल भेज दिया गया था.  शुक्रवार को सेल्समैनों ने सहायक उत्पाद  आयुक्त कार्यालय पहुंचकर विरोध किया.  कहा कि जो लोग निर्दोष हैं, उन्हें भी जेल भेजा गया है.  उनका यह भी कहना था कि उत्पाद विभाग  में नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है.  अधिकारियों की मिलीभगत से ही गड़बड़ियां  की जा रही है.

रांची टीम की रेड  के बाद सवालो के घेरे में उत्पाद विभाग 

 इधर ,रांची की टीम की रेड  के बाद धनबाद उत्पाद विभाग हिल गया है. छापेमारी के बाद धनबाद उत्पाद विभाग एक तरह से आरोपों से घिर गया है.  सहायक उत्पाद आयुक्त ने कहा था , कि जो भी मामला पकड़ में आया है, उसके लिए दारोगा  और इंस्पेक्टर जिम्मेवार है.  शहर में हो रहे इस तरह के गोरखधंधे की जानकारी उन्हें क्यों नहीं थी? शुक्रवार को कार्यालय पहुंचे  सेल्समैनो  ने मीडिया से बात करते हुए विभाग की पोल -पट्टी खोल दी.  कई गंभीर आरोप लगाए ,कहा कि सबकी सांठगांठ  से यह सब होता है.  और बलि  का बकरा सेल्समैनो  को बनाया जाता है, जो गलत है. जो गलत कर रहे या किये है , उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों को भी जेल भेजा गया है, इसी का हम विरोध कर रहे है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो