टीएनपी डेस्क (TNP DESK): आज के समय में इन्वर्टर बैटरी हर घर, दुकान और ऑफिस का जरूरी हिस्सा बन चुकी है. लेकिन बहुत से लोग इसे लगाने के बाद इसकी मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं देते. यही लापरवाही कई बार जानलेवा हादसों की वजह बन जाती है. देशभर में इन्वर्टर बैटरी ब्लास्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें जान और माल दोनों का भारी नुकसान हुआ है.

विशेषज्ञों के अनुसार, इन्वर्टर बैटरी के अंदर डिस्टिल वॉटर (Distilled Water) भरा होता है, जो समय के साथ धीरे-धीरे कम हो जाता है. अगर इसे समय पर रिफिल नहीं किया जाए तो बैटरी ओवरहीट हो जाती है और ब्लास्ट होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए हर महीने बैटरी के पानी का स्तर चेक करना बेहद जरूरी है. अगर पानी सूख गया है तो तुरंत उसे डिस्टिल वॉटर से भरवाएं.

सही चार्जर का करें इस्तेमाल
अक्सर देखा जाता है कि लोग गलत UPS या चार्जर का उपयोग करते हैं, जिससे बैटरी ओवरचार्ज होकर अत्यधिक गर्म हो जाती है. यह ओवरहीटिंग ब्लास्ट का मुख्य कारण बन सकती है. बैटरी चार्जिंग के दौरान प्रॉपर वेंटिलेशन (Ventilation) होना भी जरूरी है. अगर वेंटिलेशन नहीं है तो बैटरी का तापमान बढ़ जाता है और गैस बनने से विस्फोट हो सकता है.

टर्मिनल की सफाई भी जरूरी
इन्वर्टर बैटरी के टर्मिनल पर अगर जंग या स्पार्किंग हो जाए तो यह भी खतरे की घंटी है. इसलिए टर्मिनल को नियमित रूप से साफ करें और ढीले कनेक्शन को टाइट रखें. जंग लगने से बैटरी की चार्जिंग पर असर पड़ता है और ब्लास्ट का खतरा बढ़ जाता है.

मेंटेनेंस से बढ़ेगी बैटरी की उम्र
बैटरी को सुरक्षित और लंबे समय तक चलाने के लिए समय-समय पर उसकी जांच और सफाई करते रहें. पानी का स्तर, सही चार्जर और वेंटिलेशन का ध्यान रखें. ऐसा करने से इन्वर्टर बैटरी कई सालों तक बिना किसी परेशानी के चल सकती है और दुर्घटनाओं का खतरा भी कम हो जाता है.