पटना(PATNA):बिहार में एक बार फिर अपराध बेलगाम हो गया है. राजधानी पटना से लेकर जिलों तक आपराधिक घटनाओं में अचानक तेज़ी आई है, जिससे आम जनता में दहशत का माहौल है. वहीं विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का एक और बड़ा मुद्दा मिल गया है. हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे है. सबसे चौंकाने वाली स्थिति राजधानी पटना की है, जहां औसतन हर दिन हत्या की तीन बड़ी वारदात हो रही है. बीते एक सप्ताह में पटना में हत्या की 10 बड़ी घटनाएं दर्ज की गई है, इसके साथ ही लूट, छीनतई और रंगदारी के मामलों में भी भारी इज़ाफा हुआ है.
राजधानी पटना बना अपराधियों का अड्डा
शनिवार को पटना के हड़ताली मोड़ पर, जो मुख्यमंत्री आवास से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर है, स्कॉर्पियो सवार नकाबपोश अपराधियों ने दिनदहाड़े आठ से दस राउंड फायरिंग की। इस सनसनीखेज घटना के प्रत्यक्षदर्शी खुद बिहार के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) पंकज दराद थे,उन्होंने मौके पर मौजूद रहते हुए अपराधियों का पीछा भी किया और अपने गार्ड से जवाबी फायरिंग भी कराई, बावजूद इसके अपराधी फरार हो गए. तीन दिन बीतने के बाद भी न तो अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है और न ही घटना में प्रयुक्त वाहन बरामद किया गया है.इस घटना के बाद पटना एसएसपी ने 18 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया, लेकिन इतनी बड़ी चूक के बाद भी अभी तक नतीजे नहीं दिखे है.CCTV फुटेज भी सामने आ चुका है, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
कानून व्यवस्था पर उठने लगे सवाल
पिछले बुधवार को बेउर में एक मैरेज हॉल के मालिक और फुलवारी शरीफ में एक जमीन कारोबारी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं, सोमवार सुबह रामकृष्ण नगर में गौशाला चलाने वाले 55 वर्षीय चंद्रकांत सिंह की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई.बढ़ते अपराध को देखते हुए बिहार के डीजीपी ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है.इस बैठक में उन्होंने सभी ज़ोनल और जिला पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं और सख्त कार्रवाई करने को कहा है,लेकिन ज़मीन पर हालात अभी भी नहीं सुधरे है.
आख़िर क्यों राजधानी में ही अपराधी इतने बेखौफ़ हो गए हैं?
सवाल यह है कि आख़िर क्यों राजधानी में ही अपराधी इतने बेखौफ़ हो गए हैं? क्यों वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में भी अपराधी वारदात कर भाग निकलते हैं? और सबसे अहमक्या बिहार पुलिस अपराधियों पर लगाम लगाने में असमर्थ होती जा रही है?बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर जनता का भरोसा डगमगाता नज़र आ रहा है. यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह मामला सियासी भूचाल का रूप भी ले सकता है.
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