धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल की बात हो या कोल इंडिया की सभी अनुषंगी इकाइयों की बात करें. सभी जगह अभी अधिकारियों के पीआरपी यानी परफॉर्मेंस रिलेटेड पे की ही चर्चा है. बीसीसीएल समेत अधिकतर अनुषंगी कंपनियां की रेटिंग एक्सीलेंट मिली है. एक दो कंपनियां पिछड़ गई है. अब अधिकारी किट्टी फैक्टर का इंतजार कर रहे हैं. किट्टी फैक्टर एक फार्मूला है ,जिससे अधिकारियों के ग्रेड के अनुसार पीआरपी का भुगतान होता है. सूत्र बताते हैं कि 20 जून तक किट्टी फैक्टर जारी कर दी जाएगी .इसके बाद 25 जून तक पीआरपी का भुगतान कर दिया जाएगा. कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों के लिए रेटिंग पहले ही जारी की गई है. इस रेटिंग के अनुसार कोल इंडिया की आठ अनुषंगी कंपनियों में से सात का प्रदर्शन एक्सीलेंट माना गया है. सर्वाधिक स्कोर के साथ बीसीसीएल, सीएमपीडीआईएल एवं एनसीएल टॉप पर है. एक्सीलेंट रेटिंग वाली अनुषंगी कंपनियों के अधिकारियों को अधिक पीआरपी मिलने की उम्मीद है. हालांकि रेटिंग के अलावा कंपनी का मुनाफा और अधिकारियों का प्रदर्शन भी इसमें महत्वपूर्ण है. आखिर क्या है यह किट्टी फैक्टर ,जिसकी कोयला क्षेत्र में अभी खूब चर्चा है. दरअसल, प्रदर्शन से संबंधित वेतन पीआरपी में किट्टी फैक्टर एक प्रतिशत है ,जो अधिकारी को उनके प्रदर्शन के आधार पर मिलने वाली पीआरपी की राशि निर्धारित करता है. इसकी गणना ग्रेड पीआरपी सीलिंग पर कट ऑफ कारकों को लागू करके की जाती है. जिसमें सीलिंग के 65% को शेष 35% से अलग तरीके से आंका जाता है. किट्टी फैक्टर 100 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है.

रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो