रांची(RANCHI):  झारखंड स्वास्थ्य सुविधा कितनी अच्छी है. यह तस्वीर हर दिन सामने आती है. न्यूज चैनलों और अखबारो में सुर्खिया बटोरता है. कही खाट पर सिस्टम दिखता है तो कही पिता के गोद में बच्चे की मौत होती है. यह हाल किसी एक अस्पताल का नहीं है. प्रखण्ड स्तर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल RIMS खुद बीमार है. इसकी खबर खूब चली लेकिन अब मंत्री ने उस सुविधा को बेहतर करने के बजाय मीडिया को ही अस्पताल में बैन कर दिया. इसके बाद अब भाजपा ने सरकार को घेरा है.         

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि झारखंड में अस्पताल बदहाल है. इलाज के लिए जो मरीज अस्पताल जाते है उन्हे देखने वाला कोई नहीं रहता है. सभी अस्पताल में डॉक्टर नहीं है नर्स की कमी देखने को मिलती है. कोई भी मेडिकल उपकरण नहीं है. यह हाल झारखंड के छोटे से अस्पताल से लेकर राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स का भी है. हर दिन रिम्स की बदहाली देखने को मिलती है.एक चार दिन के मासूम की मौत एम्बुलेंस में हो गई उसे बेड तक नहीं मिला. इन तमाम चीजों को ठीक करने के बजाय मंत्री अस्पताल की छवि बचाने में लगे है.

 

दरअसल एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री ने एक बैठक की थी. बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा हुई जिससे स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर किया जा सके. साथ ही इसमें यह भी बताया गया कि झारखंड के सरकारी अस्पताल में youtuber और अनधिकृत मीडिया चैनल को बैन किया जाए. इसमें तर्क दिया गया है कि अस्पताल की छवि धूमिल होती है. ऐसे में अब सवाल मंत्री पर उठने लगा है कि आखिर मंत्री जी ने आदेश क्यों दिया. इसके पीछे कहानी क्या है.

ऐसे में इसका जवाब भी सोशल मीडिया में मिल जाएगा. हाल के दिनों में कई वीडियो स्वास्थ्य विभाग का सामने आया. जिसमें रिम्स की बदहाली दिखी. झारखंड के लोगों ने देखा की अस्पताल में रात में कोई नहीं मिलता है. जब कोई वीडियो बनाता है तब वहाँ मौजूद कर्मी कैसा व्यवहार करते है.बस इसी बात का मंत्री को एतराज होगा की उनके बदहाल सिस्टम की तस्वीर जनता के बीच ना पहुँच सके.