टीएनपी डेस्क (Tnp Desk):- झारखंड की सबसे चर्चित महिला सम्मान योजना के चर्चे तो हर दिन हो रहें है. लेकिन सच्चाई देखे तो हेमंत सोरेन सरकार की इस योजना ने कई गरीब महिलाओं, छात्राओं और वंचितों के लिए एक आशा की किरण बनकर उनकी जिंदगी में दस्तक दी है.बेशक चंद पैसे ही हर महीने मिल रहे हो, लेकिन इस छोटी सी सहायता ने उनकी जिंदगी को सहारा दिया है.

मंईयां सम्मान का पैसा तो जरूर मिलेगा

अभी-अभी अप्रैल माहीने की किस्त सरकार ने मई में दी है. लेकिन मई और जून महीने की किस्त का बकाया पैसा अभी तक नहीं मिला है. लाजमी है कि हेमंत सोरेन सरकार तो पैसा दे देगी, क्योंकि जो भी देरी हुई है. वह जांच-पड़ताल और सही लाभुक को पैसा देने के चलते हुई है. नहीं तो फिर आधार सीडीग और वेरिफिकेशन के चलते ही देर हुई है.

सवाल ये उठ रहे है कि जब मई महीने में ही महिला बाल विकास एव समाजिक सुरक्षा विभाग ने जिला कोषांगो को 9,609 करोड़ रु. जारी कर दिए थे तो फिर लाभुकों के खाते में बकाया दो माह की किस्त क्यों नहीं जारी हो रही है.जबकि नियमावली के मुताबिक हर महीने की 15 तारीख को लाभुकों के खाते में पैसा ट्रांसफर करने का प्रावधान है.

क्या दो महीने का मिलेगा पैसा ?

हालांकि, अभी तक देखा गया है कि ज्यादातर समय में पैसा देने का डेडलाइन फेल हुआ है. लेकिन, हेमंत सोरेन की सरकार ने देर से ही सही पर पैसा दिया है. ऐसे में कोई गुंजाइश नहीं बचती कि पैसा नहीं मिलेगा. हालांकि, पैसे देने की नर्धारित तारीख 15 जून पार हो गयी है. ऐसी अंदर से खबर है कि विभागीय स्तर पर ही देरी हो रही है. इसके बाद जिला कोषांगों को पैसा भेज दिया जाएगा. सवाल ये है कि क्या मई औऱ जून महीने की राशि एक साथ यानि 5000 रुपए मिलेंगे या फिर सिर्फ एक महीने का ही बकाया मिलेगा. हालांकि, लाभुकों को भी पूरा एतबार है कि सरकार की मंशा अभी तक साफ रही है. देर सवेर ही सही बकाया के साथ राशि का भुगतान करेगी.

50 लाख से ज्यादा लाभुकों को मिल रहा पैसा

झारखंड की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना एक बहुचर्चित योजना बन गई है. हालाकिं राज्य की 50 लाख से ज्यादा महिलाओं को हर महीने 2500 हजार रुपए की राशि देना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. लेकिन अभी तक सरकार ने अपने वादे के मुताबिक किस्तें दी है और भरोसा कायम रखा है. इसकी शुरुआत जुलाई 2024 में हुई थी, तब लाभुकों को 1 हजार रुपए हर महीने दिए जाते थे. लेकिन झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने एलान कर दिया था कि चुनाव जीतने के बाद 2500 की राशि हर महीने मिलेगी. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 6 जून को 56 लाख 61 हजार 791 लाभुकों के खाते में 2,500 रु. की पहली किस्त जारी की थी. इसी दौरान मालूम पड़ा कि बड़ी संख्या में फर्जी लाभुक गड़बड़झाले कर पैसे उठा रहे हैं. तब फिजिकल वेरिफिकेशन और बैंक खातों की आधार सीडिंग पर जोर दिया गया. ऐसा करते ही बड़ी संख्या फर्जीवाड़ा देखने को मिला. जो लोग योग्य नहीं थे, उन्होंने भी मंईयां सम्मान का पैसा मुफ्त में उठा लिया. इसके बाद होली के ठीक पहले 37.55 लाख लाभुकों के खाते में जनवरी, फरवरी और मार्च माह की किस्त के तौर पर 7,500 रु. हर लाभुक को भेजे गये. हालांकि, बड़ी संख्या में लाभुकों की छंटनी पर काफी हंगामा भी बरपा. लिहाजा बैंक खातों की जांच के बाद 5.52 लाख अतिरिक्त लाभुकों को भी तीन माह की किस्त दी गई. इस लिहाज से लाभुकों की कुल संख्या 43 लाख से ज्यादा थी. बाद में मई माह के आखिरी दिनों में अप्रैल माह की भी किस्त जारी कर दी गई. अभी भी हेमंत सोरेन सरकार के लिए सही लाभुकों को पैसा देना ही एक बड़ी चुनौती है. हालांकि, काफी हद तक इसमे लगाम लगा है.