धनबाद(DHANBAD) . पहले सोचा इंजीनियर बनेगे ,बन भी गया. फिर वह सोचा कि पुलिस अधिकारी बनेंगे, अपराधियों पर लगाम लगाएंगे, लेकिन उसकी जिंदगी ऐसी मोड पर आकर खड़ी हो गई कि वह साइबर अपराध का "बेताज बादशाह" बन गया. और फिर तो वह अपना गैंग कई राज्यों में फैला लिया. कमाई इतनी कि पता लगाने में भी सरकार की एजेंसियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. साइबर अपराध की दुनिया में कदम रखने के पहले वह बहुत सामान्य युवक था. जब दरोगा की परीक्षा पास नहीं कर सका तो धन कमाने के लिए साइबर अपराध के रास्ते को चुना.
"लक्ष्मी" उसके पास चल कर आती थी
फिर क्या था, उसके एक क्लिक पर लक्ष्मी बरसने लगी. फिर तो उसका मनोबल बढ़ता चला गया और वह अपराध के इस दुनिया का "किंगपिन" बन गया. उसके खिलाफ विभिन्न राज्यों में 180 से अधिक ठगी के मामले दर्ज है. फिलहाल वह दुमका जेल में बंद है. आपको सुनकर आश्चर्य होगा की दुमका जेल में बंद साइबर अपराध का "किंग पिन" घनश्याम मंडल के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों के 180 थानों में ठगी के मुकदमे दर्ज है. इस साइबर अपराधी की कठिनाई अब बढ़ने वाली है. अब तक तो वह लोगों को ठग कर आराम की जिंदगी जी रहा था. लेकिन अब उसकी परेशानी बढ़ेगी. साइबर ठगी कर उसने अकूत संपत्ति अर्जित की है. 27 अप्रैल 2025 को घनश्याम मंडल की गिरफ्तारी की गई थी.
180 थानों की पुलिस भी कर सकती है पूछताछ
उसकी गिरफ्तारी के बाद दुमका पुलिस ने देश के 180 थानों की पुलिस को पत्र भेज कर कुख्यात अपराधी घनश्याम मंडल की गिरफ्तारी की सूचना दे दी है. सभी थानों की पुलिस कुख्यात साइबर अपराधी घनश्याम मंडल को रिमांड पर ले सकती है और पूछताछ भी कर सकती है. एक आंकड़े के अनुसार कुख्यात घनश्याम मंडल ने अपने 10 साल के ठगी के करियर में 50 करोड रुपए से भी अधिक की ठगी की है. वह साइबर ठगी का बादशाह बन बैठा और उसके अधीन कई गैंग काम करने लगे . उसक गैंग कई प्रदेशों में फैला हुआ था. सूत्रों के अनुसार घनश्याम मंडल अपनी काली कमाई से देश के कई जगहों पर जमीन और फ्लैट खरीद रखी है. अब उसकी संपत्ति का आकलन करना भी एक चुनौती हो सकती है.
आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से मदद मांग रही पुलिस
दुमका पुलिस उसकी संपत्ति का आकलन करने के लिए आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से भी मदद ले रही है. पुलिस ने दोनों विभागों को एक पत्र भी भेजा है. वह दुमका का ही रहने वाला है. बीटेक की पढ़ाई पूरी की और उसे दारोगा बनने की इच्छा थी. लेकिन वह दरोगा नहीं बन पाया, फिर उसने साइबर अपराध की दुनिया कदम रखा और आगे बढ़ता चला गया. वह साइबर ठगी का ट्रेनर बन गया और धीरे-धीरे पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला लिया. सूत्र बताते है कि 2017 से शुरू हुए उसके जुर्म के सफर में उसने फर्जी कॉल्स और APK फाइल और डिजिटल हथकंडों का ऐसा खेल शुरू किया कि लोगो की कमाई एक क्लिक में उड़ा दी जाती थी. खुद को बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताकर वह लोगों को फंसाता और उनके खातों से लाखों-करोड़ों गायब कर देता था.
रिपोर्ट -धनबाद
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