सासाराम(SASARAM): बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. महागठबंधन ने आज से अपनी सबसे बड़ी राजनीतिक मुहिम ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुआत कर दी. इस यात्रा को लेकर सबसे बड़ा फेरबदल यह हुआ है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी शामिल होंगे.

लालू ने दिखाई हरी झंडी

सूत्रों के मुताबिक, सासाराम में यात्रा की औपचारिक शुरुआत लालू प्रसाद यादव करेंगे.वे और तेजस्वी यादव हेलीकॉप्टर से रोहतास पहुंचे, जहां से यात्रा को हरी झंडी दी जाएगी.दूसरी ओर, राहुल गांधी दिल्ली से पटना पहुंचे और वहां से हेलीकॉप्टर द्वारा सासाराम रवाना हुए. इस मौके पर महागठबंधन के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे.

16 दिन, 25 जिले, 1300 किलोमीटर

‘वोट अधिकार यात्रा’ 16 दिनों तक चलेगी और 25 जिलों से गुजरते हुए करीब 1300 किलोमीटर का सफर तय करेगी. यात्रा के दौरान 20, 25 और 31 अगस्त को ब्रेक रखा गया है. खास बात यह है कि राहुल गांधी पहली बार इतने लंबे समय तक लगातार बिहार में सक्रिय रहेंगे. शेष 13 दिनों तक वे राज्य में ही रहकर यात्रा में हिस्सा लेंगे.

दक्षिण से उत्तर बिहार तक का सफर

यह यात्रा दक्षिण बिहार से शुरू होकर उत्तर बिहार तक जाएगी और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली के साथ समाप्त होगी.इस दौरान राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव जनता से सीधा संवाद करेंगे और महागठबंधन की ओर से एकजुटता का संदेश देंगे.

विपक्ष का आरोप और मकसद

महागठबंधन ने इस यात्रा को चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण और SIR (Special Revision of Electoral Roll) के नाम पर कथित गड़बड़ी के खिलाफ अभियान बताया है.विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी के इशारे पर मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं और “वोट चोरी” की कोशिश हो रही है.तेजस्वी यादव ने यात्रा से पहले एक विशेष अभियान गीत लॉन्च किया, जिसमें ‘बिहार विजय’ की कामना की गई है और लोकतंत्र बचाने का संदेश दिया गया है। महागठबंधन का कहना है कि इस यात्रा का मकसद न सिर्फ चुनावी तैयारी, बल्कि जनता की राय जानना और विपक्ष को मजबूती से एकजुट करना है.

राजनीतिक महत्व

लालू प्रसाद यादव की सक्रिय भागीदारी ने इस यात्रा को और भी अहम बना दिया है. राहुल-तेजस्वी के साथ लालू की मौजूदगी महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ-साथ विपक्ष की एकजुटता का बड़ा संदेश भी देगी. विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन की रणनीति की रीढ़ साबित हो सकती है.