धनबाद(DHANBAD) बिजली के लिए आज दिन भर धनबाद में 'द ग्रेट पॉलीटिकल ड्रामा 'चलता रहा. भाजपा विधायक राज सिन्हा ने जहां अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शहर के रणधीर वर्मा चौक पर 72 घंटे के लिए धरना पर बैठ गए, वही इस धरने को कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जनता को बरगलाने की कोशिश बताया है. सत्ताधारी दलों का कहना है कि बिजली कटौती डीवीसी कर रहा है तो आंदोलन भी डीवीसी के खिलाफ ही होना चाहिए. भाजपा के लोग जानबूझकर झारखंड सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
झारखण्ड सरकार को जगाने के लिए धरना
विधायक राज सिन्हा के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंचे सांसद पीएन सिंह ने कहा कि धनबाद की स्थिति बिजली के मामले में बहुत ही खराब हो गई है. 24 घंटे में 14 घंटे तक बिजली नहीं मिलती है. पीक आवर में अक्सर बिजली गायब रहती है ,जाड़े के मौसम में जब ए सी और पंखे की जरूरत नहीं है, तब यह हाल है. रात को जब कोई सोने जाता है तो बिजली आती है और सुबह जब सोकर उठता है तो बिजली गायब हो जाती है. झारखंड के मुख्यमंत्री के पास ही ऊर्जा विभाग है लेकिन इस समस्या को ठीक नहीं कर पा रहे हैं. सरकार जब बहरी -गूंगी हो जाए तो विपक्ष की भूमिका बड़ी हो जाती है और इसीलिए हमारे विधायक सरकार को जगाने के लिए धरना पर बैठे है.
जनता की तकलीफ और हकमारी बर्दाश्त नहीं कर सकते
विधायक राज सिन्हा ने कहा कि पूरे झारखंड में बिजली की समस्या विकराल हो गई है लेकिन धनबाद से ही केवल आवाज उठ रही है. उनका मकसद सरकार पर दबाव बनाना है ताकि जेबीवीएनएल जनता की परेशानियों को समझें और इसे दूर करने के लिए उपाय करें. उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन को ताकत देने के लिए बाबूलाल मरांडी और प्रदेश अध्यक्ष के प्रतिनिधि धनबाद पहुंच रहे हैं. विधायक ने कहा कि जेबीवीएनएल डीवीसी को भुगतान नहीं कर रहा है ,इसी कारण समस्या पैदा हुई है. सिर्फ बिजली ही नहीं ,पानी को लेकर भी धनबाद की हकमारी हो रही है. पहले जहां 65 एमएलडी पानी मिलता था, वहां अब केवल 40 एमएलडी ही पानी की आपूर्ति की जा रही है.
केंद्र प्रायोजित राज्य सरकार के खिलाफ साजिश
इधर इस मामले में कांग्रेस के वरीय नेता सह जिप सदस्य अशोक कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा का यह धरना केंद्र प्रायोजित राज्य सरकार के खिलाफ साजिश है. समस्या डीवीसी पैदा कर रहा है तो इसमें झारखंड सरकार क्या कर सकती है. यह आंदोलन तो डीवीसी के मुख्यालय पर होना चाहिए ताकि डीवीसी समझे कि लोग कितने परेशान है. लेकिन भाजपा वाले प्रदेश सरकार को ही जिम्मेवार बता रहे हैं. विधायक के धरने को उन्होंने नौटंकी बताया और कहा कि धनबाद में धरना देने से क्या होगा. उन्होंने सांसद पीएन सिंह से भी सवाल किया कि ऊर्जा विभाग के स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य होने के बावजूद उन्होंने धनबाद में निर्बाध बिजली के लिए कुछ नहीं किया. वे चाहते तो डीवीसी चेयरमैन से बात कर सकते थे ,केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से चर्चा कर सकते थे लेकिन ऐसा नहीं कर वह समस्या को और बढ़ाने का काम कर रहे है. विधायक राज पर उन्होंने निशाना साधा और कहा कि 2018 में विधायक जी ने ही बयान दिया था कि झारखंड अब बिजली विक्रेता बनेगा, उन्होंने विधायक को अपने उस वादे को याद दिलाते हुए कहा कि क्या हुआ उनका वादा
झारखंड का पानी और कोयला बंद कर देंगे
झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष रमेश टुडू ने कहा कि विधायक नौटंकी कर रहे हैं और सांसद धनबाद की समस्याओं पर गंभीर नहीं है. अगर सांसद और विधायक गंभीर होते तो धरना डीवीसी मैथन के मुख्यालय पर देते. उन्होंने चेतावनी दी कि डीवीसी अगर अपने रवैए में सुधार नहीं किया तो हम लोग झारखंड का पानी और कोयला बंद कर देंगे. झारखंड की हकमारी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. कुल मिलाकर आज दिन भर बयानबाजी का दौर चलता रहा और लोग बिजली संकट से जूझते रहे. अब देखना होगा कि यह बिजली संकट कितने दिनों तक चलेगा अथवा लोगों को कुछ राहत भी मिलेगी.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार सिंह,ब्यूरो चीफ,धनबाद
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