देवघर (DEOGHAR) - माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या या भौमवती अमावस्या के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के आधार पर आज के दिन बिना बोले यानी मौन रहकर स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन स्नान के बाद पूजा अर्चना और दान का खास महत्व है. यही कारण है कि कोरोना पावंदियों के बाद भी मौनी अमावस्या के अवसर पर देवघर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. स्थानीय सहित बाहर से आने वाले श्रद्धालु पहले पवित्र शिवगंगा में स्नान कर रहे हैं और फिर बाबा मंदिर पहुंच कर पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक कर रहे हैं. मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सुलभ जलार्पण की व्यवस्था की गई है. वहीं कतारबद्ध होकर श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना मांग रहे हैं.
अन्न और गौ दान से अश्वमेध यज्ञ जैसी फल की प्राप्ति
तीर्थ पुरोहित के अनुसार आज बिना बोले पवित्र नदी,कुंड,सरोवर या अपने अपने घर में स्नान करने से अक्षय पूण्य की प्राप्ति होती है. पंडा-पुरोहितों की माने तो यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ने से शिव को और मंगलवार को पड़ने से शक्ति को समर्पित होता है. मौनी अमावस्या के दिन दान में अन्न और गौ दान करने से अश्वमेध यज्ञ जैसा फल की प्राप्ति होती है. इस बार दिन के अनुसार सभी की मनोकामना पूर्ण होगी,कोरोना का नाश होगा और सुखमय जीवन व्यतीत होगा.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर
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