दुमका (DUMKA) - भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति को जीवित रखने के उद्देश्य से झारखंड की उपराजधानी दुमका में एक जिला स्तरीय संयुक्त औषधालय के साथ-साथ जिले में कुल 12 केंद्र हैं. उसी में एक केंद्र जरमुंडी में है जिसका नाम है राजकीय होम्योपैथिक औषधालय है. इस केंद्र में एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है. केंद्र में हरीश कुमार ठाकुर नामक एक मिश्रक की नियुक्ति है. केंद्र की साफ सफाई के लिए जिला संयुक्त औषधालय के चतुर्थवर्गीय कर्मी अशोक कुमार मंडल को राजकीय होम्योपैथिक औषधालय जारमुंडी फ़रवरी 2018 में प्रतिनियुक्त कर दिया गया. विगत एक वर्ष से अशोक कुमार मंडल अपनी उपस्थिति कार्यालय की दीवार पर दर्ज करते हैं. पूछने पर कहते हैं कि मिश्रक द्वारा उपस्थिति पंजी अपने कब्जे में रखा जाता है. अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई तो उन्होंने दीवाल पर हाजिरी बनाने का निर्देश दिया. तब से आने के साथ ही दीवार पर हाजिरी बनाते हैं. मिश्रक के आने के बाद जब उपस्थिति पंजी मिलती है, तब उस पर चढ़ा दिया जाता है.

मिश्रक और चतुर्थवर्गीय कर्मी की आपस में नहीं बनती

इस बाबत जब हमने जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सी एस प्रसाद से बात की तो पहले तो उन्होंने मामले पर अनभिज्ञता जाहिर की. लेकिन जब सवाल दर सवाल किया गया तो उन्होंने वस्तुस्थिति को स्वीकार कर लिया और कहा कि इसकी शिकायत मिलने के बाद उन्होंने जांच कमेटी भी गठित की थी. दरअसल मिश्रक और चतुर्थवर्गीय कर्मी की आपस में नहीं बनती है. इसीलिए यह स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने बताया कि जांच टीम के समक्ष दोनों ने अपनी शिकायत को वापस ले लिया और इस आधार पर वेतन निर्गत किया गया. घर परिवार में जब बच्चे लड़ते हैं तो उनकी समस्या का समाधान अभिभावक करते हैं. राजकीय होम्योपैथिक औषधालय जरमुंडी में 2 कर्मी मौजूद हैं. दोनों के बीच अगर किसी बात को लेकर लड़ाई है तो उसका समाधान भी अभिभावक के तौर पर जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से होनी चाहिए. लेकिन अभी तक ऐसा दिख नहीं रहा है. आगे क्या होता है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा.

रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका