रांची(RANCHI) नगर निगम एक ऑटोनॉमस बॉडी है और यह अपने सभी फैसले अपने बोर्ड के द्वारा लेती है, जिसमें कि रांची की जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि अर्थात मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद मौजूद रहते हैं और नगर निगम का सारा कार्य झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 द्वारा संचालित होता है. 3 वर्ष पहले भी रांची नगर निगम ने करीब 8 से 10 गुना अधिक होल्डिंग टैक्स में वृद्धि की थी और अब पुनः 15 से 25 परसेंट की वृद्धि करने की सूचना प्राप्त हो रही है. इस प्रकार 5 साल के अंदर होल्डिंग टैक्स और जल शुल्क में बेहताशा वृद्धि कहीं भी जनता के हित में नहीं है और इसका विरोध हमारे चुने हुए जनप्रतिनिधि भी कर रहे हैं और इन्होंने तो यहां तक कहा है कि आप लोग होल्डिंग टैक्स जमा ना करें.
क्या कोई आधार है जिसके मंथन के पश्चात इस तरह का कोई निर्णय लेने के पहले पूरी सोशल इकोनॉमी में इस का क्या असर पड़ेगा, उसकी जानकारी ली गईं हो ?, शायद इस तरह के निर्णय के उपरांत आप लोगों का कर-संग्रह कम ना हो जाए. जनता महंगाई से पहले ही बहुत रोष में है, उसपर इस तरह का तुगलकी कर-वृद्धि कहीं से भी न्याय संगत नहीं है.फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल नगर आयुक्त से आग्रह किया है कि इस बढ़ी हुई होल्डिंग टैक्स की समीक्षा की जाय और हमारे जनप्रतिनिधियों की बातों को सुनते हुए तत्काल इस बढ़े हुए टैक्स को वापस लिया जाए.अनीस कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सुमन, महासचिव रुपेश कुमार निराला, विनोद कुमार बख्शी, रमन शर्मा, चेयरमैन नगरपालिका समिति, विनोद कुमार बेगवानी उपस्थित थे.

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