रांची (RANCHI) : जांच एजेंसियों के आगे ज्यादा समय तक कोई तथ्य छुपा नहीं सकता है. एजेंसी की अपनी कार्यशैली होती है जिससे वह पेट के अंदर की भी बात को भी उगलवा लेती है. यही कुछ हो रहा है प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की पूछताछ में. कई जिलों के जिला खनन पदाधिकारी यानी DMO पूछताछ के लिए बुलाए गए हैं. पाकुड़ और दुमका के जिला खनन पदाधिकारियों ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार राज्य मुख्यालय स्थित खनन विभाग के द्वारा नियमित रूप से पैसे की मांग की जाती है रही है.

ऑफिसर्स को पैसा मिलने के बाद ही होती अवैध माइनिंग

अवैध खनन के लिए एक तरह से प्रीपेड रिचार्ज सर्विस की तरह काम होता रहा है. पैसा विभाग के वरीय अधिकारियों को मिलने के बाद ही खनिज पदार्थों की अवैध माइनिंग होती थी. दुमका के जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण चंद्र किस्कू ने इस संबंध में ईडी के अधिकारियों के समक्ष कई राज खोले हैं. पाकुड़ और दुमका के जिला खनन पदाधिकारी ओं के द्वारा खोले गए राज के बाद अन्य जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. वे भी ईडी की जांच के क्रम में पूछताछ के लिए बुलाए जा सकते हैं.

आमने सामने बिठा कर हो रही पूछताछ

 गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को सामने बैठा कर पूछताछ की जा रही है. इससे सब कुछ सामने आ जा रहा है. जानकार बताते हैं कि वसूली की राशि में से कुछ हिस्सा स्थानीय विधायक या मंत्रियों को जाता है. ईडी की इस पूछताछ से कड़ियां आगे बढ़ती जा रही हैं. इसकी आंच रसूखदार अधिकारी और मंत्रियों तक पहुंचने ही वाली है.