रांची(RANCHI): झारखंड हाईकोर्ट में सबसे हाई प्रोफाइल मामले की आज की वर्चुअल सुनवाई हुई. सीएम हेमंत सोरेन के नाम से रांची के अनगड़ा में आवंटित स्टोन माइंस, रवि केजरीवाल और सहयोगियों की शेल कंपनियों के लेन-देन और खूंटी तथा चतरा जिले में हुए मनरेगा घोटाले पर मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस सूजीत नारायण प्रसाद की अदालत में अधूरी सुनवाई आज हुई. सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि हमलोगों ने इस याचिका को निरस्त करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है, हमें समय दिया जाए. सुनवाई के दौरान रांची डीसी द्वारा खान आवंटन मामले में दायर हलफ़नामा पर कोर्ट ने पूछा कि चार्जशिटेड होने के बावजूद डीसी ने ये कैसे किया? याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने कहा कि मनरेगा मामले में सीबीआइ को पार्टी बनाने को लेकर आइए दाखिल किया है. मामले में अगली सुनवाई 24 मई (मंगलवार) को होगी.

17 मई की सुनवाई रह गई थी अधूरी

17 मई को खान आवंटन मामले और शेल कंपनियों के मामले पर सुनवाई अधूरी रह गयी थी. खंडपीठ ने ईडी की तरफ से जिरह कर रहे सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता के आग्रह पर अरुण दुबे के मनरेगा घोटाले मामले को भी इसमें शामिल कर लिया गया है. सरकार की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने ईडी के द्वारा सौंपी गई सीलबंद रिपोर्ट को देखने की इच्छा जाहिर की. लेकिन, ईडी के अधिवक्ता तुषार मेहता की तरफ से कहा गया कि यह सिर्फ इन्वेस्टिगेशन के लिए है और माननीय हाईकोर्ट के लिए है. वहीं हाईकोर्ट के तरफ से कहा गया कि जनहित से जुड़े हुए मुद्दे हैं, इसमें सरकार की तरफ से जवाब आना चाहिए था, तो इसे निरस्त करने की मांग क्यों हो रही है?

ईडी ने कोर्ट को सील बंद लिफाफे में कई शेल कंपनियों की जानकारी दी

आज सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने बताया कि चूंकि दोनों मामले में कपिल सिब्बल सरकार के वकील हैं, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी फाइल किया है और उसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी है. इसलिए कोर्ट ने अब सुनवाई की तारीख 24 मई तय की है. गौरतलब है कि रांची के अनगड़ा में माइंस के लिए 88 डिसमिल जमीन हेमंत सोरेन को आवंटित करने के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई आज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण की खंडपीठ कर रही  थी, इस मामले में ईडी ने कोर्ट को सील बंद लिफाफे में कई सेल कंपनियों की जानकारी दी है.

अदालत में कहा गया था कि मनरेगा घोटाले समेत खान आवंटन मामले में आइएएस पूजा सिंघल की प्रत्यक्ष रूप से सहभागिता प्रमाणित हुई है. इसलिए यह पूरा मामला सीबीआइ जांच के लिए उपयुक्त है. आज की सुनवाई में सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकूल रोहतगी सरकार का पक्ष रख रहे हैं. अदालती कार्यवाही में रांची के उपायुक्त छवि रंजन, राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन, याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार, अमृतांश वत्श, वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस मजुमदार समेत अन्य ने हिस्सा लिया.

रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची