पलामू(PALAMU)-छत्तरपुर (हुसैनाबाद) के दुअरा गांव निवासी भारतीय सेना के जवान धीरज कुमार यादव को अन्य सैनिकों की तरह शहीद का सम्मान देने की मांग को लेकर छतरपुर रोड के जपला मोड पर मुख्य सड़क को ग्रामीणों और परिजनों ने सड़क जाम किया. सड़क खाली करवाने के लिए पुलिस ने सभी को खदेड़ दिया.
क्या है मामला
पहले आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में धीरज के शहीद होने की खबर आई थी, बाद में खबर गलत निकली. दरअसल धीरज ने अपने सर्विस रायफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी, जिससे भारतीय सेना ने धीरज को शहादत नहीं दी. जवान धीरज कुमार यादव जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के दुआरा का रहने वाला था. सूचना मिलते ही उसके गांव में शोक की लहर दौड़ गई है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. आर्मी कॉल पर उसके पिता रामप्रवेश यादव हवाई जहाज से कश्मीर शव लेने गए थे.
एक वर्ष पूर्व हुई थी आर्मी में नौकरी
आर्मी जवान धीरज यादव एक वर्ष पूर्व भारतीय सेना के जवान बने थे. 9 महीने की ट्रेनिंग के बाद उनकी ज्वाइनिंग हुई थी. अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में वह छुट्टी पर घर आए थे. बीते सात अक्टूबर को अचानक उनकी छुट्टी कैंसिल कर दी गयी. छुट्टी कैंसिल होते ही जवान फिर ड्यूटी के लिए जम्मू कश्मीर निकल गए. धीरज यादव का परिवार काफी गरीब है. धीरज के पिता दिल्ली में काम करते हैं.
पूर्व सैनिक ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व सैनिक बृजेश शुक्ला ने आर्मी जवान धीरज यादव की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि आर्मी जवान की मौत से उसके परिवार पर बुरा असर पड़ रहा है. किसी के घर में जवान बेटे की मौत का गम काफी दुखदाई होता है. बेटा जब सरकारी नौकरी में हो तो इसका असर ज्यादा दिखता है. ऐसे समय में परिवार को धैर्य रखने की जरूरत है. उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.
रिपोर्ट : ज़फ़र हुसैन, हुसैनाबाद, पलामू
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