रांची(RANCHI): कांग्रेस अनुशासन कमिटी के द्वारा निष्कासित करने की अनुशंसा करने के बाद पांचों नेताओं ने एक साथ प्रेस वार्ता कर फिर से कांग्रेस के नेताओं पर सवाल उठाया है. कांग्रेस नेता किशोर लाल ने कहा कि अनुशासन कमिटी के द्वारा हम पांच लोगों को निष्कासित करने की अनुशंसा की गई है. इससे पहले भी 24 दिसंबर को ऐसा ही किया गया था. उन्होंने बताया कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से जो जिला अध्यक्ष कमिटी की घोषणा की गई थी. इस कमिटी में महिला और अल्पसंख्यक को दूर रखा गया था. इस मामले का विरोध राज्य भर में हुआ था. कई जगहों पर पुतला भी दहन किया गया था. बवाल बढ़ता देख तीन बार सूची में बदलाव किया गया.
आदिवासी को बनाया जाए प्रदेश अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को हमलोगों ने एक बैठक कर प्रदेश अध्यक्ष किसी आदिवासी को बनाने की मांग की थी. जब हम जनता के बीच 2019 में गए थे, तब झारखंड में कांग्रेस मजबूती के साथ उभरी थी. लेकिन वर्तमान अध्यक्ष उसे तार-तार करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह केंद्रीय नेतृत्व से मिलेंगे. हमें किसी भी हालत में आदिवासी चेहरा चाहिए.
राजेश गुप्ता ने कहा कि जो जिला में कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव में शामिल नहीं हुए उसे सम्मानित किया गया. हमने शुरू से NSUI से लेकर अब तक पार्टी को दिया है. हम संगठन को टूटता नहीं देख सकते है. पिछले चुनाव में आदिवासी नेता के नेतृत्व में हमने सबसे मजबूती के साथ चुनाव लड़ा और सीट जीता. लेकिन वर्तमान अध्यक्ष इससे हट कर काम कर रहे हैं. हमारे खून में कांग्रेस है, हम किसी भी हाल में पार्टी को कमजोर नहीं होने देंगे. जिसने वर्षों तक कांग्रेस में बिना किसी लोभ के काम किया, वह आज बेगाना हो गया. जिसने काम नहीं किया, उसे पार्टी के शीर्ष में बैठने का हक़ नहीं है.
“कांग्रेस के कोर वोट को हटा कर भाजपा को नहीं हरा सकते”
साधु सारण गोप ने कहा कि राजेश ठाकुर के पास संगठन चलाने का अनुभव नहीं है. प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस ने जब जिला कमिटी की सूची बनाई तो उसमें एक भी मुस्लिम नहीं था. यह कोई छोटी गलती नहीं है. हम भाजपा को हराने चले हैं, लेकिन कभी कांग्रेस के कोर वोट को हटा कर ये नहीं कर सकते हैं. ब्राहमण और भूमिहार को जिला में जगह दिया, इसके बावजूद मुस्लिम, दलित, महिला और यादव को किनारे कर दिया गया.
बोकारो में जिला अध्यक्ष का चुनाव होता है तो जो चुनाव में शामिल नहीं हुआ, उसे अध्यक्ष बना दिया गया. अगर कांग्रेस को बचाना है तो बिना आदिवासी चेहरे के नहीं हरा सकते है. हम कोई कार्रवाई से नहीं डरने वाले है. जो कार्रवाई करना है करें, लेकिन पार्टी को टूटने नहीं देंगे.
“प्रदेश अध्यक्ष किसी व्यक्तिगत कारणों से पार्टी को नीचा करना चाहते हैं”
आलोक दुबे ने कहा कि हमारे खून में कांग्रेस की विचार धारा है. 32 वर्षों से कांग्रेस में काम कर रहे हैं. इस दौरान हम कई बार जेल गए. आधी रात को घर से पुलिस उठाती थी. हम किसी से डरने वाले नहीं है. पार्टी से निकालना है तो निकाल दीजिए. प्रदेश अध्यक्ष किसी व्यक्तिगत कारणों से पार्टी को नीचा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अनुशासन कमिटी के द्वारा प्रेस के सामने आकर बताया गया कि पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है. आखिर हमने गलती क्या की है, बस संगठन को मजबूत करने के लिए आवाज़ उठाया था. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में हम झारखंड में 2024 नहीं लड़ सकते है. पार्टी सभी की है, लेकिन हमारा भविष्य गैर-कांग्रेसी तय कर रहा है, यह सही नहीं है. हमारे संगठन में कई बाहरी दूसरे पार्टी को चला रहे है. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची

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