रांची(RANCHI): झारखंड में 2024 के चुनाव का शंखनाद हो चुका है. सभी दल अपने संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं. अमित शाह देवघर दौरे पर पहुंचे थे. वहां से उन्होंने झारखंड सरकार पर जमकर हमला बोला. अमित शाह के दौरे को लेकर झामुमो ने सवाल उठाया है. झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने अमित शाह के आगमन के मद्देनजर बाबा धाम को आम लोगों के लिए बंद करने को लेकर भी सवाल उठाया है और भाजपा से पूछा है कि क्या बाबा भी अब भाजपा प्राइवेट लिमिटेड बन जाएंगे?

“लगता है कि अब झारखंड में चुनाव नजदीक है”

झामुमो केन्द्रीय नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लगता है कि अब झारखंड में चुनाव नजदीक है. इसी वजह से एक माह में दो बार केंद्रीय मंत्री अमित शाह का दौरा हुआ है. अपने दौरे के दौरान मंत्री लोक-लुभावने वादे लोगों से कर रहे हैं. एक तरह से अच्छी बात है कि झारखंड केंद्रीय मंत्रियों को बेहतर लग रहा है. चुनाव से पहले खुद प्रधानमंत्री मोदी और अन्य बड़े नेताओं ने खूब झारखंड का दौरा किया था, लेकिन बीच में तीन साल सभी गायब हो गए. अब फिर जब चुनाव होने वाला है तो वह वापस लौट गए हैं.

पिछले चुनाव में कोल्हान पूरी तरह से साफ हो चुका था. संथाल ने भी करारा जवाब दिया था. भाजपा को झारखंड की जनता ने करारा जवाब दिया था. जिसके बाद भाजपा अब फिर से अपनी जमीन तलाशने में जुटी है.

“स्वागत में कभी कोई मशाल जुलूस नहीं निकला था”

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के आगमन के मौके पर स्वागत में कभी कोई मशाल जुलूस नहीं निकाला करता था, लेकिन उनके स्वागत में निशिकांत दुबे के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया. इससे साबित होता है कि अमित शाह का खुल कर विरोध नहीं कर सकते, इसी वजह से स्वागत के नाम पर विरोध किया गया. ऐसा ना हो कि अब दोबारा अमित शाह झारखंड आये तो स्वागत के नाम पर भाजपा नेताओं के द्वारा पुतला दहन कर दिया जाए. जो मशाल जुलूस निकाल सकते हैं, वह पुतला भी दहन कर सकते हैं.

क्या अब बाबा भी भाजपा प्राइवेट लिमिटेड बन जाएंगे?

झामुमो नेता ने आगे कहा कि जब अमित शाह देवघर पहुंचे तो मंदिर को बंद कर दिया गया. भक्त किनारे खड़े हुए थे. ऐसा कभी नहीं हुआ था. क्या अब बाबा भी भाजपा प्राइवेट लिमिटेड बन जाएंगे? उन्होंने कहा कि ये सही नहीं है. भाजपा के लोगों को इस बात पर अपना पक्ष रखना चाहिए था. भगवान का घर कभी बंद नहीं किया जा सकता है. अमित शाह के रैली के पूर्व दो ट्रेन चलाई गई, भीड़ जुटाने के लिए उसमें सभी गाड़ी बिहार या बंगाल से पहुंची थी. जितनी भीड़ हमारे धनबाद के कार्यक्रम में थी, उससे आधा भी लोग अमित शाह के कार्यक्रम में नहीं थे. जबकि बिहार-बंगाल से लोगों को झारखंड लाया गया, फिर भी भीड़ नहीं जुटा सके.

बीमा कंपनी घाटे में गयी, आखिर इसका जवाब कौन देगा?

इसके बाद शेयर मार्केट में अडानी के घटते शेयर के बारे में भी केंद्र को घेरा. सुप्रियो ने कहा कि देश के एक उद्योगपति 2014 के बाद इतना आगे बढ़ गए कि वह दुनिया में सबसे ऊपर हो गए. लेकिन अमेरिका की एक रिपोर्ट ने पूरी सच्चाई को उधेड़ कर रख दिया. उन्होंने अमित शाह पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि अडानी इतना ऊपर कैसे गया. गौतम अडानी के एक भाई जो काली कमाई को सफेद कर रहे हैं, इस पर ED कब पहुंचेगी. इसके अलावा अडानी के शेयर गिरावट की वजह से बैंक संकट में है, बीमा कंपनी घाटे में आ गयी. आखिर इसका जवाब कौन देगा.

रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची