रांची (RANCHI) : दलबदल मामले में झारखंड हाईकोर्ट से भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को एक बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को अदालत ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए बाबूलाल मरांडी की याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. जस्टिस राजेश शंकर ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बाबूलाल की याचिका सुनने योग्य नहीं
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबूलाल की याचिका सुनने योग्य नहीं है. क्योंकि यह मामला विधानसभा के न्यायाधिकरण में चल रहा है, इसलिए इसके बीच में हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई नहीं हो सकती. बता दें कि बाबूलाल मरांडी की ओर से वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह,अभय मिश्रा और विनोद साहू ने पक्ष रखा वहीं विधानसभा की तरफ से अधिवक्ता अनिल कुमार और दीपिका पांडे की तरफ से अधिवक्ता सुमति गड़ोडिया ने हाई कोर्ट में बहस की.
पक्षपात का आरोप
बाबूलाल मरांडी से जुड़े दलबदल के मामले में विधानसभा के न्यायाधिकरण में 30 अगस्त को ही सुनवाई पूरी हो गई थी. बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं की माने तो स्पीकर पूरी तरह से पक्षपात कर रहे हैं. इसी को देखते हुए बाबूलाल मरांडी ने अपनी तरफ से दाखिल रिट याचिका में कहा है कि दलबदल मामले में झारखंड विधान सभा के स्पीकर की अदालत में नियमानुसार सुनवाई नहीं हुई है. न्यायाधिकरण ने उनकी गवाही और बहस सुने बिना ही केस को जजमेंट पर रख दिया.

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