टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : पिता पीएम आवास लेकर घर बना रहे थे और बेटी पास कक ली यूपीएससी कि परीक्षा. जी हां गढ़वा जिला लगातर सफलता के पायदान पर आगे बढ़ रहा है. पहले शिवेंदु शिवम फिर नम्रता चौबे, शाक्षी जमुवार और अब छाया कुमारी ने परचम लहराया है. इसबार छाया कुमारी को 530वां रैंक मिला है. रिजल्ट जारी होते ही गांव मे ख़ुशी का माहौल है. लोगों का घर पर बधाई देने का सिलसिला जारी है.

गढ़वा के मेराल प्रखंड का अकलवाणी गांव में घर के बाहर बधाई देने वालों का जमवाड़ा लग गया, क्योंकि इस घर कि बेटी ने यूपीएससी परीक्षा पास की है. पिता के आंखों से आंसू छलकता है, यह कोई मामूली आंसू नही है बल्कि बेटी की इतिहास रचने के आंसू है. क्योंकि घर की बेटी छाया ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है. छः माह पहले भी छाया ने बीपीएससी परीक्षा पास कर बिहार में प्रशिक्षण ले रही थी कि आज उसे एक नई ख़ुशी मिली. गांव में इसकी जानकारी मिलते ही छाया के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया.

छाया के पिता ने कहा कि बेटी शुरू से ही पढ़ाई के प्रति सजग थी वो लगातर अपने कक्षा में टॉपर रही थी. बीएससी में गोल्ड मेडिलिस्ट थी तो महामहिम राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू से सम्मानित भी हो चुकी है. तभी तो उसने फर्स्ट एटेम्प मे बीपीएससी और पांचवें एटेम्पट में यूपीएससी क्वालिफाई कर ली. पिता किसानी कर बेटियों को पढ़ाने में दिन रात एक किए हुए थे. आज उसी मेहनत का फल है कि बेटी ने इतिहास रच दिया.

माता और पिता मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए. कहा कि अब मैं बेटी के नाम से जाना जाऊंगा. इससे बड़ी गर्व की बात क्या हो सकती है, क्योंकि मैंने बेटियों की पढ़ाई के लिए गांव-गांव में कर्ज लेकर बेटियों को इस मुकाम तक पहुंचाया है. जैसे ही बेटी ने मुझे कॉल कर जानकरी दी मैं और परिवार ख़ुशी से झूम उठा. बेटी ने मुझे बस यही कहा कि पापा मैंने आपके सपने को पूरा किया. बहन ने दीदी को ख़ुशी का इजहार करते हुए बधाई दी. जबकि बड़े पापा भी भावुक होते हुए कहा कि हमारी बिटिया आज घर सहित पूरे गांव का नाम रौशन किया है. उसको लेकर हमलोग दोनों भाइयों मे कभी-कभी पढ़ाई को लेकर विवाद भी हो जाता था.

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र कुमार