रांची(RANCHI):  झारखंड के इतिहास में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हुए हैं. पिछले तीन सालों में साहिबगंज के कई पहाड़ गायब हो गए. लेकिन इन सब पर अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. कह सकते हैं की अधिकारियों के सह पर माफिया ने अवैध खनन कर करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ है. जितना अवैध खनन किया गया है उतने में झारखंड  के गरीबों का कल्याण हो जाता. लेकिन अकेले कुछ लोग रसूख के दम पर हजार करोड़ रुपये डकार गए. इस मामले का जब खुलासा हुआ सभी की आँख फटी रह गई.अब ईडी इसके तह तक पहुँचने में लगी है. इसी मामले में मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि फिलहाल जेल में बंद है. लेकिन सिर्फ पंकज मिश्रा अकेले बड़े पैमाने पर अवैध खनन नहीं करा सकता था. इसके साथ जिले के अधिकारियों की मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता है.     

अवैध खनन मामले में साहिबगंज के कई अधिकारियों पर ईडी की गाज गिर सकती है. साहिबगंज में किस तरह से अवैध खनन किया गया है. इससे खुद को अधिकारी बचाते हुए दिख रहे हैं. लेकिन जो ईडी ने जांच में पाया है, इसमें सभी अधिकारी की मिली भगत दिख रही है. जिले में इतने बड़े पैमाने पर अवैध खनन हुआ और खुद को जिले के डीसी इससे अंजान बता रहे हैं. अब ईडी ने डीसी साहब से पूछा की आपकी जिम्मेदारी थी अवैध खनन रोकने की आपने कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया. इसपर डीसी साहब समय की मांग करने लगे.कहीं ना कहीं डीसी साहब की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. 2020 में ही राम निवास यादव की पोस्टिंग साहिबगंज में  हुई, और इसके बाद से ही अवैध खनन का खेल बड़े पैमाने पर शुरू हो गया. यह सिर्फ संयोग नहीं हो सकता है. 

पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री का विधायक प्रतिनिधि है,इससे साफ जाहिर होता है की वह किस तरह से अधिकारियों पर अपने रसूख का इस्तेमाल कर रहा होगा.अवैध खनन मामले में परत दर परत कई राज खुल रहे हैं. जिससे अब अधिकारियों पर गाज गिरती हुई दिख रही है.अवैध खनन हो रहा था और जिले के अधिकारी चैन की नींद सो रहे थे.बताया जाता था की अवैध खनन से आया पैसा कई पाटो में बाटता था. इसका जिक्र निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के सीए की गिरफ़्तारी के बाद हुआ था. पैसों को लाख और करोड़ में नहीं किलो में बताया जाता था. इसका पूरा ब्योरा ईडी को मिला है.डीसी साहब को फिर छह फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी जब इनसे पूछताछ पूरा कर लेगी तब फिर साहिबगंज एसपी की बारी है. साहिबगंज एसपी भी पंकज मिश्रा के बेहद करीबी बताए जाते हैं. जब पंकज मिश्रा जेल में बंद है फिर भी कई बार फोन पर पंकज मिश्रा से संपर्क कर रहे थे. पंकज मिश्रा जेल से  ही अधिकारियों पर अपना रौब जमा रहा था.अब ईडी की कार्रवाई में सभी अधिकारी राज उगलेंगे.   

अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की है        

अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है. इस पूछताछ में CM से  ईडी ने सवाल किया था कि आपके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर करोड़ों के राजस्व का नुकसान किया है. इस सवाल पर सीएम ने सीधे कहा था कि अगर जिले अवैध खनन किया जा रहा था, तो उसको रोकने की जिम्मेदारी जिले के उपायुक्त और एसपी की थी. इसके बाद ईडी ने पूछा था कि क्या आपको अवैध खनन मामले की जानकारी थी, इस पर सीएम ने सीधे इनकार कर दिया था. अब सीधे अधिकारियों पर ईडी कार्रवाई के मूड में है. किसी जिले में इतने बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर, पहाड़ों को गायब कर दिया गया और उस जिले में अवैध खनन का एक केस भी दर्ज नहीं किया. इससे सीधे वहां के अधिकारी पर सवाल खड़ा होने लगता है. अब ईडी डीसी के जवाब की जांच कर उसके बाद SP को तलब कर सकती है.