टीएनपी डेस्क (TNP DESK): राजधानी रांची में भी जल्द ही असहाय महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर की सुविधा मिलेगी.  रांची में वन स्टॉप सेंटर के भवन निर्माण को मंजूरी मिल गयी है.  इसको लेकर डीसी राहुल सिन्हा ने भवन निर्माण का काम जल्द ही शुरू करने का निर्देश जारी कर दिया है. अब तक रांची के रिनपास में इसका संचालन किया जा रहा था. लेकिन अब रांची में भी बहुत जल्द वन स्टॉप सेंटर का अपना स्वतंत्र भवन होगा. इससे बड़ी संख्या में बेघर महिलाओं को सहायता मिलेगी. महिलाओं को एक ही स्थान पर सभी समाधान और मदद दी मिल सकेगी. डीसी के निर्देश पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती ने बताया कि सभी सरकारी प्रोसेडिंग्स पूरी कर ली गयी और अब जल्द ही भवन का निर्माण कार्य शुरू होगा. 

क्या हैं वन स्टॉप सेंटर स्कीम  ?

वन स्टॉप सेंटर को सखी वन स्टॉप सेंटर के नाम से भी जाना जाता है. सखी - एक वन स्टॉप सेंटर है जो बेघर, हिंसा या विपत्तिजनक स्थिति से पीड़ित महिलाओं आश्रय देता है. लेवल इतना ही नहीं इस एक चाट के नीचे महिलाओं को पुलिस सुविधा, चिकित्सा सहायता, विधिक सहायता और परामर्श, मनो-सामाजिक परामर्श जैसे अनगिनत सेवाएं प्रदान करता है. यहां न सिर्फ अधेड़ महिलाएं, बल्कि युवा लड़कियां और बच्चियों को भी सहारा देता है. ये बच्चियां किसी न किसी तरह से प्रताड़ित होती है, कोई दुष्कर्म पीड़ित होती हैं, तो कोई अपने ही घरवालों पर बोझ बानी होती है. ऐसी बच्चियों को न तो घर वाले अपनाते हैं और न ही इन्हें समाज में रहने की जगह मिलती हैं. इस परीस्थिति में सखी- वन स्टॉप सेंटर इनको मदद प्रदान करता हैं. इन्हें डिप्रेशन से उभरने में मनो चिकित्सक का परामर्श तक देने की सुविधा यहां मौजूद होती है. यहां जिंदगी जीने की इक्छा चोर चुकी महिलाओं को जीवन जीने का हौसला मिलता है. उन्हें सखी में एक घरेलु वातावरण दिया जाता है, जिससे उन्हें अपने ज़िन्दगी में परिवार की कमी महसूस न हो. उन्हें कई सिलाई, कढ़ाई, दोना बनाने और कई आर्ट-क्राफ्ट का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें और कल तो सखी केंद्र से निकल कर अपना जीवन यापन कर पाए. 

कब हुई वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत 

बता दें कि भारत सरकार ने हिंसा से प्रभावित महिलाओं का समर्थन करने के लिए 1 अप्रैल 2015 से वन स्टॉप सेंटर (OSC) योजना लागू की थी. यह केंद्र और बाल विकास मंत्रालय की और से प्रायोजित योजना है.  देश भर में अभी कुल  234 वन स्टॉप सेंटर काम कर रहा है. जिसमे  हिंसा से प्रभावित 1,90,527 महिलाओं ने समर्थन की पेशकश की और उन्हें मदद भी है. वन स्टॉप सेंटर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि यह एक अंब्रेला स्कीम है, जिसके तहत प्रभावित महिलाओं को सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए तैयार किया जाता है. इस स्कीम में 100 फीसद सहायता केंद्र सरकार देती है. यह पूरी तरह अनुदान होता है.

झारखंड में क्या हैं वन स्टॉप सेंटर की स्थिति 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार झारखंड के 24 जिलों में 24 वन स्टॉप सेंटर काम कर रहे हैं. जून 2022 तक की रिपोर्ट के अनुसार यहां  2000 से अधिक महिलाओं को सहायता मिली है. लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की तरफ से दिए गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जून 2022 तक तीन महीने में 188 महिलाओं की मदद की गई. इसमें सबसे अधिक रांची में 37 महिलाओं की मदद की गई, जबकि गोड्डा और जामताड़ा में यह संख्या शून्य है.  स्थापना से लेकर मार्च 2022 तक जो डाटा उपलब्ध है, उसके अनुसार 1883 महिलाओं को सहायता दी गई है.