टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. इसके लिए लोग राज्य में खराब कानून व्यवस्था को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. लोगों का मानना है कि अपराधियों में से कानून का भय खत्म होता जा रहा है. इसका एक कारण यह भी है कि राज्य में पुलिस जवानों की खासी कमी है. आखरी बार पुलिस जवानों की नियुक्ति कब हुई थी यह भी एक बड़ा प्रश्न है, लेकिन चौंकाने वाली एक और बात है कि जवानों की कमी तो राज्य में है ही, साथ में पुलिस के शीर्ष अधिकारियों की भी कमी राज्य में है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड आईपीएस अफसरों की कमी से जूझ रहा है. पुलिस विभाग के हर ब्रांच में अधिकारी की कमी है. कई जिलों में कई अधिकारी का पद खाली है. इससे समझा जा सकता है कि पुलिस जवानों को लीड करने वाले जब अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो राज्य में अपराध मुक्त वातावरण की कल्पना कैसे की जा सकती है.

अभी की बात करें तो झारखंड में आईपीएस अधिकारों के 149 कैडर पोस्ट है. मगर, इसमें से 113 अफसर ही तैनात हैं. इसमें से भी एसपी से लेकर डीजी लेवल पर 22 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं औरे आने वाले दिनों में डीआईजी रैंक के अधिकारी अनीश गुप्ता, एसपी स्तर के अधिकारी अखिलेश वारियर और शिवानी तिवारी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं. इससे कई और पद खाली हो जाएंगे.   

कई विभागों के प्रमुख का पद खाली

झारखंड में अपराध के जांच के लिए कई शाखाएं काम करती है. इसमें सीआईडी और स्पेशल ब्रांच प्रमुख पुलिस की शाखाएं हैं. इनके प्रमुख एडीजी रैंक के अधिकारी होते हैं. लेकिन अफसरों की इतनी किल्लत है कि आईजी रैंक के अधिकारी को हेड बनाकर काम लिया जा रहा है. वहीं स्पेशल ब्रांच के शीर्ष पद के लिए दूसरे अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. इसके साथ ही एडीजी रैंक में स्पेशल ब्रांच में किसी की तैनाती नहीं है. स्पेशल इंटेलीजेंस ब्यूरो और एससीआरबी जैसे विभागों का हाल तो और बुरा है. इन विभागों में नियमित तौर पर किसी को प्रभार नहीं दिया गया है.

कई आईजी और एसपी का पद खाली

ये अधिकारी तो मुख्यालय में तैनात रहते हैं, लेकिन फील्ड में काम करने वाले आईपीएस अधिकारी की भी खासी कमी है. बोकारो और संताल परगना जैसे महत्त्वपूर्ण रेंज में कोई आईजी तैनात नहीं है. वहीं पलामू डीआईजी का पद भी राजकुमार लकड़ा की प्रोन्नति के बाद खाली है. रांची में भी दो-दो एसपी का पद खाली है. इसमें सिटी एसपी और ट्राफिक एसपी का पद खाली है. वहीं धनबाद में भी सिटी एसपी का पद लंबे समय से खाली पड़ा हुआ है. आईआरबी की अधिकांश बटालियन भी प्रभार पर है. ऐसे में अपराध पर अधिकारी कैसे लगाम लगा पाएंगे, ये भी बड़ा सवाल है.

कौन-कौन से पद अभी रिक्त

एडीजी स्पेशल ब्रांच, एडीजी सीआईडी, एडीजी आधुनिकीकरण, आईजी आर्गेनाइज क्राइम सीआईडी, आईजी रेल, आईजी बोकारो, आईजी संताल परगना, डीआईजी रेल, कमांडेंट, जैप-8 कमाडेंट, आईआरबी-8 कमांडेंट एसआईआरबी-2, आईजी और एससीआरबी, डीआईजी पलामू, रांची सिटी और ट्रैफिक एसपी, सिटी एसपी धनबाद

अतिरिक्त प्रभार में चल रहे पद

डीजी एसीबी, डीजी होमगार्ड व फायर सर्विसेज, आईजी मुख्यालय, आईजी जगुआर, आईजी स्पेशल ब्रांच, आईजी जैप, डीआईजी स्पेशल ब्रांच,  डीआईजी व एसपी वायरलेस, झारखंड पुलिस अकादमी निदेशक, डीआईजी जंगलवार फेयर स्कूल, पीटीसी पद्मा, प्रिंसिपल टीटीएस, एसपी जंगलवार फेयर, रेल एसपी धनबाद, एसआईआरबी-1 कमांडेंट, आईआरबी-9 कमांडेंट, जैप-9 कमांडेंट, आईआरबी-1, आईआरबी-2, आईआरबी-3, आईआरबी- 4, आईआरबी-5, आईआरबी-10.