रांची(RANCHI): झारखंड सरकार 10 जनवरी को कैबिनेट की अहम बैठक करने वाली है. यह बैठक काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिल कसती है. झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार 10 जनवरी 2023 को अपराह्न 4:00 बजे से झारखंड मंत्रालय में होगी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जायेंगे. नए वर्ष में झारखंड कैबिनेट की यह पहली बैठक होगी. इस बैठक में नियोजन नीति, विधानसभा का बजट सत्र , पारा शिक्षकों को लेकर और इसके साथ ही कई प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है.

नियोजन नीति को लेकर सरकार गंभीर

नई नियोजन नीति को लेकर राज्य सरकार इन दिनों गंभीर है. रोजगार को लेकर सरकार गंभीर मुद्रा में हैं. बीच का रास्ता निकालने और विवादों से दूर रखकर नियोजन नीति बनाने की कोशिश सरकार की होगी. क्योंकि बिना नियोजन नीति के राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड की बहाली नहीं हो सकती. इसके साथ ही झामुमो ने कहा है कि बजट सत्र के पहले सरकार नियोजन नीति बना लेगी. ऐसे में इसे लेकर कैबिनेट में मंजूरी मिल सकती है.

जेपीएससी में तीन सदस्यों की बनाई गई है कमिटी 

जेपीएससी के लिए भी अलग से कमिटी बनाई गई है, जिसमें 15 दिनों का समय सदस्यों को दिया गया है. सरकार नए वर्ष में छात्र, और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रयास में जुट चुकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि 11वीं JPSC को लेकर सरकार मंजूरी दे दे. क्योंकि अगर नियोजन नीति को लेकर फिर से कोई विवाद होता है टो रोजगार देने के नाम पर सरकार के पास कुछ नहीं होगा. वहीं JPSC द्वारा सिविल सर्विसेज की नियुक्ति के लिए नियोजन नीति की आवश्यकता नहीं होगी. यी में सरकार इस पर भी विचार कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने नियोजन नीति को किया था खारिज

हेमंत सोरेन की सरकार ने 2021 में नियोजन नीति बनायी थी. इसमें यह प्रावधान था कि थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में सामान्य वर्ग के उन्हीं लोगों की नियुक्ति हो सकेगी, जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा झारखंड से पास की हो. रांची हाई कोर्ट ने इसे असंवैधानिक माना है और कहा है,कि यह समानता के अधिकार के खिलाफ है. हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद नयी नियोजन नीति के प्रावधानों के अनुरूप हो चुकी या होने वाली वाली तकरीबन 50 हजार नियुक्तियों पर सीधा असर पड़ा है. राज्य के पहले मुख्यमंत्री  बाबूलाल मरांडी ने स्थानीयता बनायी थी. राज्य में भारी विवाद के बाद उसे भी कोर्ट ने रद्द कर दिया था. इस बार हेमंत सोरेन ने भी 1932 के खतियान के आधार पर ही स्थानीयता नीति बनाने की तैयारी की है, यह जानते और स्वीकारते हुए कि अदालत में इस पर हथौड़ा चल सकता है. 

बजट सत्र को मिलेगी मंजूरी

सरकार सत्र 203-24 के बजट की तैयारी में लगी है. इसे लेकर कैबिनेट की बैठक में झारखंड विधानसभा के बजट सत्र को बुलाने की मंजूरी मिल सकती है. फरवरी में बजट सत्र बुलाया जा सकता है. इसके साथ ही पारा शिक्षकों को राहत देने के लिए भी सरकार कोई फैसला ले सकती है.