धनबाद(DHANBAD): झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद क्या पहली जून तक उन्हें इस्तीफा देने से मोहलत मिल सकती है. कांग्रेस पार्टी क्या अभी हड़बड़ी में कोई करवाई अथवा दबाव आलमगीर आलम पर नहीं बढ़ाना चाहती. आलमगीर आलम के मामले को लेकर कांग्रेस क्या अभी दुविधा में है. कांग्रेस का एक खेमा यह मानता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह मंत्री जेल से ही विभाग चलाएं और इस्तीफा न दें. लेकिन कांग्रेस आलाकमान इस मामले में अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में दिख रहा है.
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी कोई भी कार्रवाई से बच सकती है और सब कुछ मंत्री पर ही छोड़ देगी. वैसे आलमगीर आलम के मामले में केंद्रीय नेतृत्व अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं किया है. लगता है कि आने वाली परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कोई निर्णय हो सकता है.
इधर, आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद के दावेदारों की चर्चा शुरू हो गई है. कांग्रेस के जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी इस पद के मजबूत दावेदार बताए जाते हैं. वैसे इरफान अंसारी ने कहा है कि आलमगीर आलम मेरे अभिभावक हैं. वह जेल में है. उन पर और उनके परिवार पर क्या गुजर रही होगी, हम सब समझते हैं .जांच चल रही है. फिलहाल चुनाव में हूं. राहुल गांधी के निर्देश पर काम कर रहा हूं. सबसे पहले भाजपा को रोकना है. सारे मामले में आला कमान ही फैसला लेगा.
इधर, विधायक सरयू राय ने कहा है कि आलमगीर आलम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रवैया को नहीं अपनाना चाहिए. केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं देकर जो उदाहरण पेश किया है, वह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही नहीं है .वैसे झारखंड में मंत्रियों को जेल जाने का पुराना इतिहास है. आलमगीर आलम झारखंड के चौथे मंत्री हैं ,जिन्हें भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जाना पड़ा है. तीन तो ग्रामीण विकास और ग्रामीण कार्य मंत्री थे. पहले एनोस एक्का जेल गए, फिर हरि नारायण राय गए और अब आलमगीर आलम. इसके अलावा खेल मंत्री रह चुके बंधु तिर्की भी जेल जा चुके हैं. उनकी विधायकी भी रद्द हुई है. पूर्व मंत्री कमलेश सिंह पर भी आरोप है. उनकी भी गिरफ्तारी हुई थी और उन्हें भी जेल जाना पड़ा था. मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है.झारखंड के तीन मुख्यमंत्री भी जेल जा चुके है.हेमंत सोरेन तो अभी जेल में ही है.
सूत्र बताते हैं कि आलमगीर आलम को 1.5% कमीशन मिलता था. मंत्री को 2022 में एक मुश्त करोड़ों रुपए मिले थे. यह रकम एक इंजीनियर ने दी थी. सूत्र का दावा यह भी है कि जहांगीर के घर से मिले रुपए मंत्री के लिए उनके पीएस संजीव लाल ने वसूली थी .जो भी हो लेकिन चुनाव के बीच मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी से कांग्रेस बच फुट पर है और फूंक फूंक कर कदम उठा रही है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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