टीएनपी डेस्क (TNP DESK): झारखंड की स्वास्थ व्यवस्था को लेकर हजारों दावे किये गए होंगे, पर धरातल पर कितने वादे सच हो रहे हैं, यह बात सिर्फ वहीं बयां कर सकता है जिसने राज्य के सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटे होंगे. वहीं राज्य के सरकारी अस्पतालों की स्थिति को लेकर कोई भी टिप्पणी करना सही नहीं है पर राज्य में ऐसे भी नेता है जिन्हें कोई भी पाबंदी नहीं रोक सकती है. डुमरी विधायक ने एक बार फिर राज्य की लचर स्वास्थ को लेकर मुखरता से अपनी बात कही है. उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा है, मुख्यमंत्री जी राज्य में स्वास्थ व्यवस्था पे ध्यान दीजिए, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई जाने की जरूरत न पड़े. आम आदमी कैसे स्वास्थ का लाभ ले पाएंगे. आपलोग तो तुरंत उड़ जाते है, जनता को एम्बुलेंस भी नसीब नहीं होती. इस पोस्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी टैग किया गया है.

दरअसल हालही में झारखंड कैबिनेट के मंत्री हाफ़िजूल हसन ने गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट सर्जरी कराई है. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन ने अस्पताल जाकर उनका हाल चल जना है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए दी थी. इसी पोस्ट के साथ जयराम की पार्टी ने राज्य के स्वास्थ व्यवस्था और सरकारी अस्पतालों पर सवाल उठाए है. 

विधायक जयराम की पार्टी ने यह सवाल पूछा है की अगर राज्य में ही बेहतर स्वास्थ व्यवस्था दी जाती तों आज मंत्री जी या अन्य लोगों को दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई जैसे शहरों में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. उन्होंने यह भी कहा है की राज्य विविआईपी के पास तो इतनी सुवधाएँ मौजूद है की वह कभी भी हवाई मार्ग से दूसरे शहर जाकर अपना इलाज करवा सकते हैं पर राज्य के आम नागरीको का क्या ? उन्होंने आगे कहा है की राज्य में आम नागरीको को तो समय पर एम्बुलेंस तक नसीब नहीं होती. हालांकि इस बात से नकार नहीं जा सकता की राज्य की ऐसे स्वास्थ व्यवस्था से हर दिन कितनों की जान पर बन आती है और वहीं दूसरी ओर राज्य के विविआईपीज़ के लिए ये चीजें बेहद आसान हैं.