धनबाद(DHANBAD): तो क्या 2024 के चुनाव में झरिया विधानसभा सीट पर तीन गोतनियां  चुनावी दंगल में रहेंगी. यह प्रश्न अनायास ही नहीं उठ रहे है ,इसकी पृष्ठभूमि कोयलांचल में तैयार हो रही है. एक गोतनी पूर्णिमा नीरज सिंह अभी झरिया से कांग्रेस की विधायक है.  दूसरी गोतनी रागिनी सिंह 2019 का चुनाव पूर्णिमा नीरज सिंह के हाथों हार गई थी. तीसरी गोतनी आशनी  सिंह भी राजनीति में सक्रियता बढ़ा रही है. सोशल मीडिया इसका प्रमाण है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि 2024 के विधानसभा चुनाव में वह भी किस्मत आजमा सकती है.  उनके एक समर्थक का  सोशल मीडिया पर  एक प्रश्न भी इस ओर ही इशारा कर रहा है.  समर्थक ने पूछा है कि क्या आशनी भाभी को 2024 में झरिया से चुनाव लड़ना चाहिए अथवा नहीं.  इधर, आशनी  सिंह ने जनता मजदूर संघ, कुंती गुट के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर कोयलांचल और सिंह मेन्शन  की राजनीतिक में एक नए समीकरण का  संकेत दे दिया है.  वैसे, तो वह कहती है कि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है. समर्थको से विचार के बाद ही कुछ निर्णय लेंगी. 

निगम चुनाव के लिए भी ठोका था दावा 

 लेकिन नगर निगम के चुनाव में मेयर  के लिए दवा ठोक कर उन्होंने अपनी राजनीतिक  सोच  को साफ कर दिया था.  उस समय कहा गया था कि अगर 3 बच्चों की मां होने के कारण आशनी  सिंह मेयर का चुनाव नहीं लड़ सकती हैं तो  सास इंदु देवी चुनाव लड़ेगी.  इंदु देवी ही  धनबाद नगर निगम की पहली मेयर है.  इसके बाद कुंती सिंह ने भी घोषणा की थी कि वह मेयर का चुनाव लड़ेगी.  मतलब सिंह मेंशन से ही दोनों बहनों ने उम्मीदवारी की  थी.  कुंती सिंह  और इंदु देवी सगी बहने है.  वैसे, सोशल मीडिया पर आशनी  सिंह काफी सक्रिय है. आशनी  सिंह के फेसबुक पेज पर कई पोस्ट ऐसे दिखे, जो बता रहे हैं कि उनकी राजनीतिक सक्रियता अब आगे बढ़ गई है.आशनी  सिंह के पोस्ट में ससुर रामधीर  सिंह के साथ इंदु देवी,आशनी   सिंह एवं उनके  पुत्र की मुलाकात संबंधित तस्वीर है. 

सब कुछ सोच समझकर और फूंक-फूंक कर किया जा  रहा है.

 मतलब जो भी हो रहा है ,वह इंस्टेंट रिएक्शन नहीं है, सब कुछ सोच समझकर और फूंक-फूंक कर किया जा   रहा है. आशनी सिंह के पति शशी सिंह, सुरेश सिंह हत्याकांड के बाद से धनबाद से फरार चल रहे है.  रामाधीर सिंह जेल में है.  ऐसे में लगता है कि रामाधीर सिंह के परिवार में आशनी सिंह ही हैं जो राजनीति में अपने को स्थापित कर सकती है.  अब तक के समीकरण इस ओर संकेत कर रहे हैं कि पूर्णिमा नीरज सिंह, रागिनी सिंह के बाद आशनी सिंह भी राजनीति में कदम रखेंगी.  अगर ऐसा हुआ तो झरिया सीट पर तीनों गौतनी  आपस में टकरा सकती है.  झरिया सीट को सूर्यदेव सिंह ने खाद -पानी देकर सींचा  था. वह तो विधायक रहे ही , उसके बाद उनके भाई बच्चा सिंह भी झरिया सीट से विधायक बने.  उनकी पत्नी कुंती सिंह  भी  झरिया सीट से चुनी गई थी.  सूर्य  देव सिंह के पुत्र संजीव सिंह भी झरिया से विधायक रह चुके है. पूर्व डिप्टी मेयर और सूर्यदेव सिंह के भतीजे नीरज  सिंह की पत्नी अभी झरिया सीट से कांग्रेस की विधायक है. सरायढेला  थाना क्षेत्र में 2017 में अंधाधुंध फायरिंग कर नीरज सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद से ही सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच में दरार बढ़ी  लेकिन सूर्यदेव सिंह और रामाधीर सिंह का परिवार एकजुट था.  लेकिन आशनी  सिंह की राजनीतिक सक्रियता यह बता रही है कि इस एकजुटता में भी अब कहीं न कहीं दरारें पड़ गई है.

रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद