टीएनपी डेस्क (TNP DESK): झारखंड की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है, ऐसे में एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मारंडी ने छात्रों के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरा है. हाल ही में उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा की, 'कल्याण विभाग द्वारा सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं को कबाड़ साइकिलें वितरित की जा रही हैं. साइकिलें या तो पहले से पंचर थीं, या उनके टायर-ट्यूब ही फटे हुए थे. कुछ के हैंडल ढीले तो कुछ की चेन जाम. मजबूरन बच्चे साइकिलें कंधे पर ढोते या हाथ में थामे पैदल लौटे.
प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि हर बच्चों की योजनाएं तक इससे अछूती नहीं रही. खराब हो चुकी सारी साइकिलें वापस लेकर बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली भेंट की जाए'. इस पोस्ट में मंत्री चमरा लिंडा को भी टैग किया गया है.
साथ ही इस पोस्ट से साफ तौर पर यह जाहीर होता है की बाबूलाल मारंडी ने सरकार पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. उन्होंने यह कहा है की छात्र-छात्राओं को कल्याण विभाग के द्वारा जो साइकिलें मिली है या तो वह पहले से पंचर थीं, या उनके टायर-ट्यूब ही फटे हुए थे. साथ ही कुछ के हैंडल ढीले तो कुछ की चेन जाम और मजबूरन बच्चे साइकिलें कंधे पर ढोते या हाथ में थामे पैदल लौटे हैं. उन्होंने आगे, राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर भी तंज कसा है. यहाँ तक की नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मारंडी ने खराब हो चुकी सारी साइकिलें वापस लेकर बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली साइकिलें भेंट करने की मांग भी की है.
बताते चले कि ई-कल्याण के तहत, झारखंड सरकार, विशेष रूप से कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को साइकिल खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है या साइकिल देती है. यह सहायता कक्षा 8 के छात्रों को दी जाती है, और राशि सीधे उनके बैंक खातों में DBT के माध्यम से भेजी जाती है या स्कूल में ही साइकिल दी जाती है.
ऐसे में बड़ा सवाल यहाँ ये है कि एक ओर eकल्याण छात्रवृत्ति को लेकर सरकार छात्रों के साथ ऐसी अनदेखी कर रही है वहीं दूसरी ओर अन्य सुविधाएं सिर्फ कागज़ पर ही नज़र आ रही है पर धरातल पर मंज़र कुछ और ही है.
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