गिरिडीह (GIRIDIH) : गिरिडीह के प्रख्यात छत्तविहिन और मनोकामनापूर्ण स्थल झारखंडधाम में सावन के अंतिम सोमवारी को लेकर सोमवार को पूजा-अर्चना के लिए जुटे भक्तों की भीड़ ने जमकर हंगामा किया. वजह शिवभक्तों द्वारा झारखंडधाम के एक पुजारी पर सोने के चैन की चोरी और मारपीट का आरोप लगाना. मामले की जानकारी मिलने के बाद हीरोडीह थाना पुलिस भी तुंरत झारखंड धाम पहुंची. और पूरे मामले की जानकारी ली.
पुजारी पर लगाया आरोप
इस दौरान बगोदर से अपने भाई दीपक जायसवाल और मां व बहन के साथ पूजा करने आई महिला सीमा गुप्ता ने आरोप लगाया कि मंदिर में काफी भीड़ थी. हालांकि मंदिर के पुजारी पर धनवार की महिला नीलू देवी ने भी आरोप लगाया है. दोनों महिलाओं का आरोप है कि मंदिर में भीड़ अधिक रहने के कारण मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक पुजारी कैंची जैसा कोई औजार लिए खड़े थे. भक्तों के गर्दन पकड़ कर भीतर प्रवेश करा रहे थे. इसी दौरान सीमा गुप्ता और नीलू देवी जब मंदिर के भीतर प्रवेश करने लगी. तो प्रवेश द्वार पर खड़े पुजारी ने दोनों महिलाओं के गले में पड़े सोने के चैन को कैंची से काट दिया. जिसे दोनों के सोने की चैन मंदिर प्रवेश करते ही चोरी हो गई.
पुलिस ने संभाला हालात
सीमा गुप्ता का चैन की हुए चोरी की जानकारी जब उनके भाई दीपक जायसवाल को मिली, तो वो विरोध किया. इस दौरान कई पुजारियों ने दीपक जायसवाल के साथ जमकर मारपीट किया. और कहा कि मंदिर के पुजारीयों को कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे जहां शिकायत करो. मामले की जानकारी मिलने के बाद हीरोडीह थाना पुलिस मंदिर पहुंची. और भुक्तभोगी महिला सीमा गुप्ता और नीलू कुमारी से पूरे मामले की जानकारी ली. इस दौरान दोनों महिलाओं समेत सीमा के भाई का आरोप था कि कुछ पुजारी पहले से इस तांक पर थे कि सोने की चैन पहन कर आएं महिलाओं के चैन की चोरी कर लेना है. और विरोध होता है तो विरोध करने वालों को पीट भी देना है.
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर होगी जांच
इधर मामले में एसडीपीओ मुकेश महतो ने कहा कि मामला सामने आया है बगोदर की एक महिला ने झारखंड धाम के पुजारी पर आरोप लगाया है. लिहाजा, आरोप के आधार पर जांच किया जा रहा है. मंदिर के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. फुटेज के आधार पर हर हाल में दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बताते चले कि पूरे राज्य में झारखंड धाम की मान्यता काफी अधिक है. छत्तविहिन शिव मंदिर होने के कारण गिरिडीह समेत राज्य के कई जिलों से शिभक्तों की भीड़ हर सावन में मंदिर में जुटती है. इसके बारे में कहा जाता है कि मंदिर पर कई बार ढलाई का प्रयास किया गया. लेकिन ढलाई हर बार जमींदोज हो गया. इसी कारण शिवभक्त इस मंदिर में अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए मनोकामना पूरा होने तक धरना भी देते है.
रिपोर्ट. दिनेश कुमार
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